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India News (इंडिया न्यूज), Gwalior Education Officer: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार का एक आदेश इन दिनों सुर्खियों में है। इस आदेश के तहत शिक्षा विभाग में तैनात कुछ शिक्षकों और प्राचार्यों की भिखारियों की तलाश के लिए ड्यूटी लगाई गई है। वे भिखारियों की तलाश में शहर में घूमेंगे। हालांकि, स्थानीय सांसद ने इस आदेश को अनुचित माना है, जिसके कारण डीईओ के सुर बदल गये हैं।
चंबल क्षेत्र इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। ऐसे में भिखारियों की तलाश के लिए कुछ स्कूल शिक्षकों और प्रिंसिपलों की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि इस काम में सरकारी विभागों के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की भी मदद ली जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार ने यह आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, भिखारियों को ढूंढने के लिए शिक्षकों को हर दिन 9 घंटे काम करना होगा। इस दौरान हमें उन छोटे बच्चों की भी तलाश करनी है जो या तो भीख मांगकर अपना गुजारा कर रहे हैं या फिर उनके माता-पिता उनसे भीख मंगवा रहे हैं। इस आदेश के माध्यम से ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा।
जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार द्वारा जारी आदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के विशेष अभियान का जिक्र किया गया है, जिसमें कुछ प्राचार्यों के साथ कुछ कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि भिक्षावृत्ति रोकने और भिखारियों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षकों को यह काम सौंपा गया है। हालांकि, वह मीडिया के सामने नहीं आए। उधर, बीजेपी सांसद से लेकर कांग्रेस विधायक तक सभी इस आदेश को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है, इन फैसलों से राज्य में शिक्षा का स्तर गिर रहा है।
हालांकि इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों में काफी गुस्सा है। उनका कहना है कि यह पहला ऑर्डर नहीं है। इससे पहले भी शिवपुरी में शराब की दुकानों पर ड्यूटी, सामूहिक विवाह समारोह में भोजन परोसने की ड्यूटी और शिव महापुराण कथा में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। ये सभी कार्य शिक्षा विभाग से संबंधित नहीं हैं। ऐसे में शिक्षकों की ऐसे काम में ड्यूटी लगाना उचित नहीं है।
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