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इंडिया न्यूज, जबलपुर:
(Amrit Mahotsav) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जबलपुर में लोगों को संबोधित किया। अमित शाह ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित अमृत महोत्सव के तहत जनजातीय नायकों के सम्मान में समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 1857 को शुरू हुई हमारी आजादी की क्रांति की लड़ाई 15 अगस्त 1947 को समाप्त हुई। तबसे आज तक 75 वर्ष तक इस देश को अलग अलग समय पर अलग अलग लोगों ने आगे बढ़ाया है। इससे पहले जबलपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। अमित शाह ने राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि अमर बलिदानी शंकर शाह और रघुनाथ शाह दोनों पिता-पुत्र को तोप से उड़ा दिया गया था, लेकिन उनके चेहरे पर शिकन नहीं थी।
गृह मंत्री ने कहा कि जब मुझे ये ज्ञात हुआ कि राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह जी ने देश के लिए बलिदान दिया, तो मेरे मन में उत्सुकता थी कि एक कविता के कारण किसी को तोप से सामने बांधकर कैसे उड़ाया जा सकता है। आज मेरा सौभाग्य है कि उनका जो स्मारक बनाने का मध्य प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है, उसकी नींव मेरे हाथों से पड़ रही है।
पीएम मोदी ने संकल्प लिया है कि हम गुमनाम शहीदों की यादों को पुनर्जीवित करेंगे। हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे और देश के गुमनाम महानुभावों के बलिदान को, उनकी स्मृतियों को पुनर्जीवित करेंगे, क्योंकि इतिहास उनका नाम नहीं लिखा गया। अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग अलग-अलग काम से, अलग-अलग प्रयास से जनजातियों को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे।
शाह ने कहा कि जनजाति संग्रहालय देशभर में बनाए जाएंगे। इसमें आजादी के दौरान जिन्होंने शहादत दी है, उसमें शामिल किया जाएगा। उनका इतिहास रखा जाएगा। 200 करोड़ की लागत से देशभर में 9 संग्रहालय बनाए जाएंगे। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा में संग्रहालय बनाया जाएगा। कांग्रेस के समय आदिवासियों के लिए वार्षिक बजट 4200 करोड़ था, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 7900 करोड़ कर दिया है।
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