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चन्दन स्वप्निल, पटियाला : भगवंत मान शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। मान ने कहा था कि वे ऐसा पंजाब बनाना चाहते हैं, जिसका सपना भगत सिंह ने देखा था। पंजाब में भगवंत मान के मुख्यमंत्री पद संभालते ही विवादों में घिर गए हैं। विवाद की वजह मुख्यमंत्री भगवंत मान के दफ्तर में शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लेकर शुरू हुआ है। पीले रंग (बसंती) की पगड़ी में भगत सिंह की इस तस्वीर पर आपत्ति जताई जा रही है।
खासकर, फोटो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। शहीद भगत सिंह पर कई किताबें लिख चुके लेखक और शोधकर्ता चमन लाल कहते हैं सीएम दफ्तर में लगाई गई भगत सिंह की फोटो प्रामाणिक नहीं है, बल्कि केवल एक कल्पना है। बकौल चमन लाल उन्होंने कई बार स्पष्ट किया है कि भगत सिंह ने कभी बसंती या केसरी पगड़ी नहीं बांधी, यह सब कल्पना है। अकाली दल की सरकार के समय भी उन्होंने ये विरोध जताया था।
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चमन लाल ने बताया कि उनके पास भगत सिंह की केवल चार वास्तविक तस्वीरें हैं। एक तस्वीर में वह जेल में खुले बालों में बैठे हैं, दूसरी फोटो में वह टोपी पहने हुए हैं और अन्य दो तस्वीरों में भगत सिंह सफेद पगड़ी में दिखाई दे रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और भगवंत ने ऐलान किया था कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो मुख्यमंत्री की फोटो लगाने की परंपरा से अलग हटकर भगत सिंह और डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीरें सरकारी कार्यालयों में लगाई जाएंगी।
भगवंत मान खुद ही कई मौके पर बता चुके हैं कि 2014 में जब वो सांसद बने थे तो जीत का सर्टिफिकेट लेकर वे सीधे खटकड़ कलां गांव गए थे। यहां उन्होंने गांव की धरती को नमन किया और ऐलान किया वे अब बसंती रंग की पगड़ी ही बांधेंगे। बाद में यही उनकी पहचान बन गई। अब बात पहले सवाल की करते हैं।
जवाब को तलाशने के लिए हमें भगत सिंह की तस्वीरें देखनी होंगी .. भगत सिंह के जीवन काल में चार ही तस्वीरें खींची गयी थीं …
जाहिर है ये तस्वीरें रंगीन नहीं थीं फिर इस बात का पता कैसे लगा कि भगत सिंह पीली पगड़ी बांधते थे ?
इतिहासकार चमन लाल के हवाले से दावा किया कि भगत सिंह ने कभी पीली पगड़ी नहीं बांधी। उनके मुताबिक भगत सिंह की चार वास्तविक तस्वीरें ही उपलब्ध हैं जिनमें से किसी में भी उन्होंने पीली पगड़ी नहीं बांधी है। चमनलाल के मुताबिक भगत सिंह के परिवार, कोर्ट, जेल या सरकारी दस्तावेजों से उनकी कोई और तस्वीर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर भगत सिंह की ये मशहूर पीली पगड़ी वाली तस्वीर आई कहां से?
कुछ लोग मानते हीं कि ये भगत सिंह की काल्पनिक तस्वीर है। 2021 में टेलिग्राफ अखबार में छपी चमन लाल की प्रतिक्रिया के मुताबिक 1970 के दशक तक देश हो या विदेश, भगत सिंह की हैट वाली तस्वीर ही सबसे अधिक लोकप्रिय थी। सत्तर के दशक में भगत सिंह की तस्वीरों को बदलने का सिलसिला शुरू हुआ। चमन लाल का कहना है कि भगत सिंह जैसे धर्मनिरपेक्ष शख्स के असली चेहरे को इस तरह प्रदर्शित करना सही नहीं है।
भगत सिंह की पगड़ी पर सवाल भी उठे थे, जब भगत सिंह की 114 वीं जयंती के मौके पर भगत सिंह आर्काइव्स एंड रिसोर्स सेंटर के आॅनेररी सलाहकार चमन लाल ने सरकारी समारोह में भगत सिंह की पगड़ी बांधी काल्पनिक पेंटिग पर नाराजगी जताई थी। तब सरकार के मंत्री और पूर्व निर्वाचन आयुक्त एम एस गिल ने कहा था कि भगत सिंह की पगड़ी वाली तस्वीर का इस्तेमाल सही है क्योंकि हैट उन्होंने अंग्रेजों को चकमा देने के लिए पहनी थी।
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