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रोहित रोहिला, चंडीगढ़:
Ex MLAs Will Get One Term Pension: पंजाब में सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) द्वारा जहां एक ओर बेरोजगार युवाओं को नौकरियों की सौगात दे रहे है। वहीं दूसरी ओर मान ने एक और बोल्ड स्टेप लेते हुए पूर्व विधायकों (Ex MLAs) को सिर्फ एक ही टर्म की पेंशन दिए जाने की घोषणा करते हुए पूर्व विधायकों को तगडा झटका दे दिया है। मान के अकेले इस फैसले से ही सरकारी खजाने (public treasury) पर करोडों रुपये का बोझ कम होगा। मान द्वारा पूर्व विधायकों को एक टर्म की पेंशन दिए जाने के साथ पूर्व विधायकों को मिलने वाले फैमिली भत्तों पर कैंची चलाने का फैसला किया है।
अब कोई विधायक चाहे 10 बार ही विधायक क्यों नहीं रहा हो उसे केवल एक ही टर्म पेंशन दी जाएगी। कई ऐसे विधायक भी हैं जोकि कई बार चुनाव जीत चुके है और एक से अधिक टर्म की पेंशन ले रहे थे। लेकिन सीएम के इस फैसले से अब ऐसे विधायकों को जोर का झटका जोर से ही लगेगा।
सीएम के इस फैसले से सरकार की वित्तीय हालत सुधारने में कुछ मदद मिलेगी। लेकिन अभी सरकार को ऐसे और खर्चों के बारे में पता लगाना होगा जिससे पैसा बचा कर सरकारी खजाने को भरा जा सकें। सूबे पर तीन लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है। इस कर्ज के ब्याज के पैसे के रूप में ही सरकार की मोटी रकम चली जाती हे। मान के इस फैसले से हो सकता है कि कुछ पूर्व विधायक नाराज हो जाए। लेकिन मान सूबे की वित्तिय हालत को सुधारने के लिए लगातार कदम उठा रहे है।
मान ने कहा कि इस कटौती को लेकर अधिकारियों कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मान ने कहा कि कोई राज नहीं सेवा तो कोई लोगों से एक बार मौका देने की बात कहकर सत्ता में आता है, लेकिन लोगों के कल्याण के लिए कुछ नहीं करता। मान ने कहा कि कई विधायक तो ऐसे हैं जो चार बार विधायक रहकर हार गए। किसी की पेंशन चार लाख किसी की सवा पांच लाख है, लेकिन अब सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी।
मान ने कहा कि कई विधायक तो सांसद भी रह चुके हैं और दोनों पेंशन ले रहे हैं। अब पूर्व विधायकों की जो पेंशन और फैमिली भत्तों में कटौती की जाएगी। इससे बचने वाले पैसे को जनकल्याण की योजनाओं में लगाया जाएगा। अब पूर्व विधायकों को सिर्फ एक पेंशन 75 हजार रुपये मिलेगी। इससे खजाने पर पांच वर्ष में 80 करोड से ज्यादा का बोझ कम होगा।
कांग्रेस नेता व विधायक परगट सिंह (Pargat Singh) ने भगवंत मान सरकार की एक विधायक-एक पेंशन (One MLA – One Pension) के फैसले का स्वागत किया। कहा कि इससे पंजाब के वित्त पर बोझ कम होगा। मुख्य विपक्षी दल के रूप में हम रचनात्मक और जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। पंजाब हमारे लिए सबसे पहले आता है।
लगता है कि पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को पहले से ही पता था कि मान सरकार इस तरह का कोई बडा फैसला ले सकती है। इसी के चलते पूर्व सीएम ने पत्र लिख कर बतौर विधायक मिलने वाली पेंशन लेने से मना कर इसे जन कलयाण में खर्च करने को कहा था।
सरकार ने प्रदेश की वित्तीय हालत को देखते हुए विधायकों के पेंशन फार्मूले में बदलाव करने का यह फैसला लिया है। मान ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज सरकार ने एक और बडा फैसला लिया है कि प्रदेश विधायकों के पेंशन फार्मूले में बदलाव किया जाएगा। विधायक अब केवल एक पेंशन ही ले सकेंगे। हजारों करोड रूपए विधायकों की पेंशन पर खर्च किया जाता रहा है लेकिन अब इसे राज्य के लोगों के हित में खर्च किया जायेगा।
मान ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी बडा मुद्दा है। युवा डिग्रियां लेकर घर पर हैं क्योंकि जब वे नौकरी मांगने जाते हैं तो उन पर लाठियां, पानी की बौछार पडती है लेकिन नौकरी नहीं मिलती। लेकिन आज किसी और मुद्दे पर बात करने की बात कहते हुए मान ने कहा कि अब पंजाब में जो विधायक एक से कई बार विधायक रहते है और या फिर हार जाते हैं एवं वह सांसद रहते हुये भी विधायक की पेंशन लेते हैं, लेकिन अब वे केवल एक ही पेंशन लेंगे। कुछ विधायक तो लाखों रुपये पेंशन के रूप में ले रहे हैं जिससे खजाने पर करोड़ो का बोझ पड़ता है।
कांग्रेस (Congress) के विधायक सुखपाल खेहरा (sukhpal kehra) ने भगवंत सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम इस कदम का समर्थन करते हैं। सूबे हित में किए जाने वाले हर कदम का स्वागत करेंगे। पंजाब पहले ही कर्ज में डूब चुकी है ऐसे हालात में ये कदम स्वागत योग्य है। सरकार अच्छा काम करेगी तो उसका स्वागत होगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो जितना पंजाब पर कर्ज है और प्रदेश के खर्चे पूरे करने के लिये इतनी कटौती से पैसे पूरे तो नहीं होंगे। शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनप्रीत अयाली ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
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