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दलित महिला सरपंच व उसकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार का मामला
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
जिला पटियाला के अंतर्गत आते गांव संतनगर मौलवीवाला में सार्वजनिक तौर पर महिला दलित सरपंच की पिटाई की जाती है, बदसलूकी की जाती है, कपड़े फाड़े जाते हैं और दुख की बात है कि पंजाब पुलिस दोषियों पर कार्रवाई करने की जगह पीड़ित दलित सरपंच पर समझौते का दबाव बना रही है। यह आपबीती महिला सरपंच सुखपाल कौर ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को लिखित शिकायत में कही। इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने पंजाब सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इंसाफ के लिए दलित महिला सरपंच सुखपाल कौर द्वारा आयोग को लिखी शिकायत में बताया कि बीती 23 मई को जिला पटियाला के पांतड़ा के गांव संतनगर मौलवीवाला में जब बतौर सरपंच गलियों व नालियों का निर्माण करवा रही थी तब कुछ रसूखदार व्यक्ति सुखजिंदर सिंह पुत्र बलकार सिंह व रणजीत सिंह पुत्र किरपाल सिंह भी मौके पर पहुंचे तथा तैश में आकर उन्होंने उक्त काम को रुकवा दिया तथा गाली-गलौज करते उनके साथ बदसलूकी की। इस दौरान बीच-बचाव करने आए महिला सरपंच के परिजनों को भी पीटा। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन ने दलित महिला सरपंच की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पटियाला के डिप्टी कमिश्नर व एसएसपी को नोटिस जारी किया है कि इस मामले की जांच करके तुरंत कार्रवाई रिपोर्ट पेश करें। सांपला ने कहा कि आयोग के पास पंजाब भर से शिकायतों का अंबार है, जिसमें पीड़ित दलित कहते हैं कि पंजाब पुलिस शिकायत दर्ज करने बावजूद भी न्याय नहीं दे रही है, पर अब तो हद हो गई है, जब लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए दलित नुमाइंदों की भी सुनवाई पंजाब पुलिस नहीं कर रही है। सांपला ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को न्याय दिलाना आयोग की प्राथमिकता है। अगर आयोग को निश्चित समय पर जवाब नहीं मिला तो आयोग संविधान की धारा 338 के तहत मिली सिविल कोर्ट की पावर का उपयोग करते हुए संबंधित अफसरों को व्यक्तिगत तौर आयोग के आगे हाजिर होने के समन जारी कर सकता है।
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