रोहित रोहिला, Punjab News। punjab government : पंजाब सरकार ने एक और अहम कदम उठाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद कई दिग्गजों की सुरक्षा या तो वापस ले ली जाएगी या फिर उसमें कटौती (cuts security) हो जाएगा। दरअसल सूबा सरकार लगातार इस बात को लेकर रिव्यू कर रही है कि किन लोगों को सुरक्षा जरूरी है और किन को नहीं।
इतना ही नहीं जिन लोगों को सुरक्षा कर्मचारियों की जरूरत है तो उन्हें कितने सुरक्षा कर्मचारियों की जरूरत है। इसको लेकर सरकार ने रिव्यू किया है। इसको रिव्यू करने के बाद अब सरकार ने एक दो नहीं बल्कि 424 वीआईपी लोगों (424 vip people) से सुरक्षा पर कैंची चला दी है।
सूबे की भगवंत मान सरकार लगातार सूबे में कानून एवं व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर लोगों की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मचारियों को अब उनके असली काम पर लाने को लेकर फैसले कर रही है।
जिन लोगों से सुरक्षा वापस ली गई है उनमें से कई की प्रतिक्रियाएं भी आ गई है और कुछ ने सुरक्षा वापस लिए जाने पर ऐतराज भी जताया है लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि सरकार ने जो फैसला किया है उचित ही होगा।
मान सरकार की ओर से एक बार फिर पंजाब के 424 प्रभावी लोगों (424 vip people) की सुरक्षा पर कैंची चलाने के आदेश दिए है। आदेश में कहा गया है कि इन 424 लोगों की सुरक्षा तत्काल प्रभाव से कटौती कर दी जाए। सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी तत्काल आज ही जालंधर कैंट में विशेष पुलिस महानिदेशक (Director General of police) राज्य सशस्त्र पुलिस, जेआरसी को रिपोर्ट करें।
जिन 424 प्रभावी लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है। उनमें सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, धर्मगुरु और राजनीतिक नेता शामिल हैं। सीएम भगवंत मान ने पंजाब में अबतक कई प्रभावी हस्तियों की सुरक्षा वापस ले ली है। ऐसे में इन लोगों की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों को सामान्य ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि घल्लु घारा सप्ताह की वजह से इनकी सुरक्षा टैंपरेरी तौर पर वापस ली गई है। सरकार के इस रिव्यू फैसले के बाद 671 पुलिस कर्मचारियों को वीआईपी लोगों की सुरक्षा से वापस बुलाया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि सरकार ने घल्लु घारा सप्ताह को लेकर यह फैसला लिया है और यह सुरक्षा कटोती टेंपरेरी की गई है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि सरकार ने इनकी सुरक्षा में परमानेंट तौर पर कटौती की है। हालांकि इस बारे में अधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है कि यह सुरक्षा किन कारणों की वजह से कम की गई है।
सुरक्षा वापस लेने से पहले सरकार ने एक रिव्यू बैठक की थी, जिसमें इस बात पर विचार किया गया था कि जिन लोगों को को सुरक्षा दी गई है क्या असल में उनको जरूरत भी है या नहीं। इसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए हैं।
सुरक्षा को वापस लिए जाने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस (Punjab Police) में पहले से ही थाने एंव चौकियों में कर्मचारियों की कमी चल रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाकर्मियों की जरूर है
पंजाब सरकार (punjab government) को वीआईपी सुरक्षा (VIP Security) में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाने पर काफी खर्च करना पड़ रहा है। इससे पहले भी भगवंत मान (Bhagwant maan) सरकार ने कई विधायकों और पूर्व विधायकों और नेताओं की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मचारियों को वापस बुलाया था। इस कदम से राज्य सरकार को काफी बचत होने की उम्मीद है और इससे पुलिस बल में अधिक जवानों की कमी को भी दूर किया जा सकेगा।
पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant maan) सरकार ने सत्ता संभालते के बाद से अब तक एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए हैं। आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान साफ कहा था कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वीआइपी लोगों को दी गई सुरक्षा समाप्त की जाएगी या उसमें कटौती की जाएगी। अब सरकार उसी के तहत फैसले ले रही है।
जिन पुलिस कर्मचारियों को वीआईपी लोगों से सुरक्षा से वापस बुलराया गया है उनको आज ही अपनी बटालियनों में रिपोर्ट करना होगा। सरकार इससे पहले 12 मार्च को 122 वीआईपी और 23 अप्रैल को 184 बड़े लोगों की सुरक्षा में कटौती कर चुकी है।
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