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हाईकमान से मिलकर कैबिनेट और मंत्रियों के नाम पर लगाएंगे मुहर
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पंजाब के नए शपथ ग्रहण करने और कार्यभार संभालने के बाद मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचे। वे स्पेशल विमान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी थे। माना जा रहा है कि चारों नेता सीनियर लीडरशिप से मिलकर प्रदेश में उठे राजनीतिक तुफान को पार्टी की तरफ मोड़ने की रणनीति बनाएंगे। इसके साथ ही राज्य में मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर बात करेंगे। कयास लगाया जा रहा है कि टीम पंजाब के प्रभारी हरीश रावत से भी मिलेगी। पंजाब में कांग्रेस हाईकमान नई सरकार बनने के बाद नौकरशाही तक के बदलावों पर पूरी नजर बनाए हुए है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में नई सरकार मंत्रियों से लेकर नौकरशाही तक में बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए मुख्यमंत्री जो बदलाव करना चाहते हैं उनमें डीजीपी के तौर पर कई नाम सीएम ने सीनियर लीडरशिप को सुझाए हैं और उनमें से ही एक अधिकारी पर राहुल गांधी की ओर से मुहर लगाए जाने की संभावना है। नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और एक डिप्टी सीएम के साथ ट्विटर पर तस्वीर शेयर की है। दिल्ली आने के दौरान की यह तस्वीर शेयर करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा कहा है, ‘इन लाइन आॅफ ड्यूटी।
शुक्रवार रात तक किसी को भी नहीं पता था कि शनिवार और रविवार दो ऐसे दिन होंगे जिनमें प्रदेश की सत्तासीन पार्टी की पूरी तस्वीर पलट जाएगी। इन दो दिनों में अनुभवी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा और राज्य के इतिहास में पहली बार एक दलित नेता को मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया गया।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बार कैबिनेट में उन नेताओं को जगह मिल सकती है, जिन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से टकराव के दौरान सिद्धू का समर्थन किया था। इनमें से अमरिंदर सिंह राजा, मदन लाल जलालपुर, इंदरबीर सिंह बोलारिया, गुरकीरत सिंह कोटली, परगट सिंह और संगत सिंह गिलजियान को मौका दिया जा सकता है। परगट सिंह को सिद्धू के करीबी नेताओं में गिना जाता है। वह फिलहाल पंजाब कांग्रेस के महासचिव हैं। इसके अलावा गिलजियान प्रदेश यूनिट के वर्किंग प्रेसिडेंट हैं।
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