संबंधित खबरें
सोशल मीडिया पर भूलकर भी ना करे ये काम! दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन, 55 लोग गिरफ्तार, जानें वजह
Delhi Election 2025: दिल्ली की राजनीति में रोहिंग्या और बांग्लादेशी के मुद्दों पर नए विवाद की दस्तक
Delhi Crime News: दिल्ली में 3 लड़कों ने कैब ड्राइवर को उतारा मौत के घाट, वजह जान उड़ जाएंगे होश
Delhi News: भारत के कारोबारियों ने दिया बांग्लादेश को तगड़ा झटका, CTI ने किया बड़ा ऐलान
दिल्ली के ‘आश्रम’ का ‘बलात्कारी गुरु’, चाकू की नोक पर महिला के साथ किया घिनौना काम
Delhi Air Pollution: दिल्ली में जहरीले वायु प्रदूषण से बढ़ी मुश्किलें, AQI 400 के पार, लोगों की घुटी सांसें
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Festive Season bad, Auto Sector in Trouble : इस साल का त्योहारी सीजन यादगार नहीं रहा क्योंकि कई वजहों ने उद्योग, खास तौर पर यात्री वाहन सेगमेंट को एक बड़ा झटका दिया है। वाहन उद्योग के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने हाल ही में इस बात पर रोशनी डाली कि त्योहार का सीजन कितना प्रतिकूल रहा है। एक दशक में बिक्री के प्रदर्शन के मामले में इसे सबसे खराब त्योहारी सीजन बताते हुए विंकेश गुलाटी ने कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया।
विश्व में सेमीकंडक्टर चिप की कमी का भारत और दुनिया भर में लगभग हर प्रमुख आॅटोमोबाइल निर्माता के उत्पादन चक्र पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। उत्पादन चक्रों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है जिसके कारण आपूर्ति से संबंधित मुद्दों और डिलीवरी का वेटिंग पीरियड काफी बढ़ गया है। कई मामलों में, डिलीवरी में देरी के कारण बुकिंग रद कर दी गई है। इससे जाहिर तौर पर बिक्री के आंकड़ों पर बुरा असर पड़ता है। (Festive Season bad, Auto Sector in Trouble)
वैश्विक समस्या का कोई समाधान न होने के कारण, आगे का रास्ता अंधकारमय बना हुआ है। कुछ सामग्रियों की बढ़ती लागत के कारण कई कंपनियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। और सबसे खराब स्थिति यह है कि कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ भी ग्राहकों पर डाला गया है। त्योहारी सीजन से पहले या उसके दौरान कीमतों में बढ़ोतरी, वाहन खरीदने के इच्छुक ग्राहक पर बुरा असर डालती है और इसका बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले भले ही कम हो रहे हों। लेकिन गुलाटी ने कहा कि छोटे वाहनों की मांग अभी भी उम्मीद से कम है। क्योंकि लोग स्वास्थ्य संबंधी कारणों से धन को बचाना जारी रख सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक अनिश्चितताओं का मतलब यह हो सकता है कि ज्यादा मूल्य की खरीदारी फिलहाल के लिए बंद की जा रही है। ईंधन की बढ़ती कीमतों का असर नए वाहनों की मांग पर पड़ सकता है। पेट्रोल अब 110 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगी हो गई है और डीजल की कीमत भी 100 रुपये के पार पहुंच गई है। (Festive Season bad, Auto Sector in Trouble)
हाल के महीनों में वाहन चलाने या सवारी करने की लागत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। यहां इस बात पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि कोरोना काल में आवाजाही के लिए निजी वाहनों की मांग, अभी भी सेकंड हैंड वाहनों की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी का कारण हो सकती है। निजी वाहन होने के साथ ही पैसों की बचत करना एक संतुलन बनाता है, और इसमें शायद सेकंड हैंड कार बाजार ने ग्राहकों को कुछ राहत दी है।
Also Read : Bank Holidays आज से चार दिन बैंक बंद, इस माह 17 दिन मनेगा संडे
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.