Lakhimpur Violence Politics being done over unfortunate accident CM Yogi
इंडिया न्यूज, गोरखपुर:
Lakhimpur Violence : लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलने की घटना के बाद यूपी सरकार बैकफुट पर है। सभी विपक्षी पार्टियां सत्तासीन भाजपा और सीएम को टारगेट पर ले रहीं है। इसी सब के बीच शुक्रवार को इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको दुर्भाग्यपूर्ण हादसा करार दिया।
योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में दो दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार को दौरे के दूसरे दिन सीएम ने एक कार्यक्रम में संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि लखीमपुर हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन जिस तरह से वहां जाने के लिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं की होड़ लगी है, उससे साफ है कि सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह दिखावा है। कोरोना काल में कभी नेताओं को एक बार जनता की सेवा के लिए जाना चाहिए था।
CM Yogi ने कहा कि विपक्षी दल के नेताओं को लगा कि लखीमपुर एक बहाना है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। ये कोई सद्भावना के दूत नहीं है। सरकार की पहली प्राथमिकता होती है शांति और सौहार्द बनाना, सरकार ने वही किया। सीएम ने कहा कि लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए। देश के अंदर लखीमपुर मुद्दे का राजनीतिकरण कौन कर रहे हैं? वही जो काबुल में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं।
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सीएम ने कहा कि कोई अगर इस गलतफहमी में है कि उत्तर प्रदेश के अंदर वो घेराबंदी करके आम जनजीवन को ठप कर देंगे, या निर्दोष लोगों पर हमला करेंगे, तो वो लोग भी तैयार हो जाएं, हम तो तैयार ही हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस सभी ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं, लेकिन लखीमपुर में दो ब्राह्मण भी मारे गए, क्या इनमें से कोई नेता गया उन पीड़ित ब्राह्मणों के घर? कन्नौज के नीरज मिश्रा की हत्या, क्या संतोष शुक्ला ब्राह्मण नहीं थे? कभी उनके घर गए?
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