India News RJ (इंडिया न्यूज),Bharat Bandh: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज देशभर में एससी-एसटी समुदाय ने भारत बंद का आह्वान किया है। दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद को कई राजनीतिक संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है। लेकिन बांसवाड़ा में इस वंचित समुदाय का एक वर्ग भारत बंद का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि राजस्थान का भील आदिवासी समुदाय लंबे समय से आरक्षण में वर्गीकरण की मांग कर रहा है। इस आरक्षण व्यवस्था से केवल एक वर्ग को ही आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
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सरकार जल्द लागू करे ‘कोटे के अंदर कोटा’
एसटी/एससी समुदाय ने कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजकर भारत बंद का बहिष्कार किया और संगठन से जुड़े विभिन्न समुदायों के पदाधिकारियों ने भारत सरकार से जल्द ‘कोटा के भीतर कोटा’ आरक्षण लागू करने की मांग की है। आदिवासी और दलित संगठनों की ओर से प्रो. कमलकांत कटारा ने कहा कि राजस्थान में भील समेत आदिवासी समुदाय वर्षों से कोटा के भीतर कोटा आरक्षण लागू करने की मांग कर रहा है।
यह बंद भारत के संविधान के खिलाफ है
उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक दलित जातियां अभी भी मुख्यधारा से दूर हैं और वे भी लगातार कोटा के भीतर कोटा आरक्षण लागू करने की मांग कर रही हैं। ऐसे में यह बंद भारत के संविधान के मूल्यों, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के खिलाफ है।
इसलिए आदिवासी आरक्षण मंच, अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी बांसवाड़ा, वसीता सेवा संस्थान बांसवाड़ा, जम्बूखंड जन अधिकार मंच, बुनकर समाज विकास समिति, दबगर सेवा संस्थान, बांसफोड़ समाज, वाल्मीकि समाज, खटीक समाज, मोची समाज आदि संगठनों ने भारत बंद का बहिष्कार कर ‘कोटे के अंदर कोटा’ आरक्षण लागू करने के लिए ज्ञापन भेजा है।