संबंधित खबरें
भारत-पाक सीमा पर तैनात होंगे प्रशिक्षित डॉग्स, बीकानेर में दी जा रही 6 महीने की गहन ट्रेनिंग
पहले सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती, फिर होटल में ले जाकर किया दुष्कर्म, आरोपी को 10 साल की सजा
राजस्थान के शेखावाटी को यमुना जल का तोहफा, समझौते पर बनी सहमति, जल्द बनेगी ज्वाइंट टास्क फोर
राजस्थान में तबादलों से जुड़ी बड़ी खबर, राज मंत्री मदन दिलावर ने इस विभाग को लेकर लिया अहम फैसला
भोपाल-इंदौर के बाद अब जयपुर में BRTS कॉरिडोर हटाने का फैसला, 170 करोड़ की परियोजना अब खत्म
राजस्थान के श्रीकरणपुर के पास फिर नजर आया यंग टाइगर, वायरल हुई वीडियो से इलाके में फैली दहशत
India News (इंडिया न्यूज),Govind Singh Dotasra: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी के धर्मांतरण बिल, मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान और नगर निकायों में प्रशासक नियुक्त करने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है। धर्मांतरण कानून पर बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि बीजेपी पहले भी धर्मांतरण कानून लेकर आई थी और अब फिर से कानून लेकर आई है लेकिन ये कानून पास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए पहले से ही कानून है और संविधान में भी इसका प्रावधान है।
डोटासरा ने कहा कि इस तरह के कानून लाकर भाजपा सरकार जनहित के मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जब वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थीं, उस समय भी ऐसा ही कानून लाया गया था, लेकिन उसका क्या हुआ, यह सभी जानते हैं। ‘अब इसे एक बार फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। भाजपा हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। लेकिन भाजपा कब तक राजनीतिक लाभ लेगी?’
डोटासरा ने कहा कि भाजपा प्रशासक नियुक्त कर नौकरशाही के जरिए सरकार चलाना चाहती है। उन्होंने राजस्थान सरकार पर गुजरात मॉडल लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह गुजरात में जनप्रतिनिधि सरकार नहीं चला रहे हैं, उसी तरह का मॉडल राजस्थान में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जनप्रतिनिधि सरकार नहीं चला रहे हैं, आज न तो मुख्यमंत्री, न मंत्री और न ही विधायकों की कोई चलती है।
नगर निगम चुनाव से पहले राज्य में प्रशासक नियुक्त करने के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है और करीब एक साल बीत गया है, तब से जनप्रतिनिधियों से काम करने की उम्मीद की जाती है। डोटासरा ने कहा कि सबको पता है कि राज्य में अधिकांश नगर निकायों के चुनाव नवंबर में होने हैं। जिसके लिए उन्हें मतदाता सूची और आरक्षण की व्यवस्था करने सहित अन्य काम करने थे। लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, क्योंकि उनकी नीयत खराब थी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.