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India News (इंडिया न्यूज़)Lovely Kandara Encounter:राजस्थान के बहुचर्चित लवली कंडारा एनकाउंटर केस में तीन साल बाद आखिरकार सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। यह मामला पुलिस एनकाउंटर का था, जिसे वाल्मिकी समाज और परिजनों ने फर्जी बताते हुए इसे सुनियोजित हत्या करार दिया था। लगातार विरोध प्रदर्शन और मांगों के बाद अब सीबीआई ने 9 जनवरी 2025 को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुआ केस
सीबीआई ने तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम, कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, किशन सिंह, विश्वास और गनमैन अंकित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच का जिम्मा दिल्ली स्पेशल पुलिस के डिप्टी एसपी मोहिंदर सिंह को सौंपा गया है।
परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
लवली कंडारा के परिजनों का कहना है कि यह एनकाउंटर नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या थी। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, एक मास्टर प्लान के तहत लवली को पुलिस ने गोली मारी और हत्या से जुड़े सभी सबूत मिटा दिए। यहां तक कि परिजनों द्वारा दर्ज कराई जाने वाली एफआईआर भी पुलिस ने दर्ज नहीं की। परिजनों ने दावा किया है कि उनके पास इस हत्या से जुड़ा एक वीडियो भी है, जिसमें दिखाया गया है कि गैंगवार के दौरान पुलिस ने लवली कंडारा को रोककर गोली मारी। उन्होंने इस वीडियो को जांच के लिए सीडी के रूप में प्रस्तुत किया है।
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आंदोलन और निलंबन के बाद भी पुलिस रही चुप
एनकाउंटर के बाद वाल्मिकी समाज ने जोरदार आंदोलन किया था, जिसके चलते जिला प्रशासन को तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम को निलंबित करना पड़ा। इसके बाद ही लवली कंडारा के शव का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार हो सका। लेकिन पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया।
कोर्ट ने लिया संज्ञान
जब पुलिस ने परिवार की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो परिजनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने 2 दिसंबर 2021 को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। हालांकि, पुलिस ने इस आदेश की भी अनदेखी की। अंततः 5 जुलाई 2023 को रातानाडा थाने में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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CBI की एंट्री से नया मोड़
अब जब राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपा है, तो इस केस में एक नया मोड़ आ गया है। सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है, और आरोपी पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कसने की संभावना है। यह मामला पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। अब देखना यह होगा कि सीबीआई की जांच इस विवादित एनकाउंटर का सच उजागर कर पाती है या नहीं।
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