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India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा ने आधुनिकता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए अपनी कार्यवाही को पूरी तरह पेपरलेस करने का निर्णय लिया है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सूचना और तकनीकी युग में डिजिटल पद्धति से काम करना समय की मांग है, और राजस्थान विधानसभा इस दिशा में निरंतर प्रगति कर रही है।
वन नेशन-वन एप्लीकेशन से नई शुरुआत
राजस्थान विधानसभा अब “नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा)” के तहत डिजिटलीकृत हो गई है। सदन में विधायकों की सभी 200 सीटों पर आईपैड लगाए गए हैं, जिनके जरिए विधायक अब ऑनलाइन पद्धति से विधान संबंधी कार्य कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट पर कुल 12.61 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें 60% राशि केंद्र सरकार और 40% राशि राज्य सरकार ने दी है।
विधायकों को मिला तकनीकी प्रशिक्षण
बुधवार को विधानसभा में 110 विधायकों को आईपैड के माध्यम से कार्य करने का प्रशिक्षण दिया गया। लोकसभा सचिवालय और एनआईसी के विशेषज्ञों ने उन्हें यह प्रशिक्षण प्रदान किया। देवनानी ने बताया कि अब विधायकगण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अपने कार्यों को आसानी से संपादित कर सकेंगे।
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नेवा सेवा केंद्र की स्थापना
विधानसभा में विधायकों और कर्मचारियों की मदद के लिए “नेवा सेवा केंद्र” की स्थापना की गई है। तकनीकी अधिकारी यहां विधायकों को ऑनलाइन मॉड्यूल की जानकारी देंगे और जरूरत पड़ने पर मौके पर तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराएंगे।
सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
विधायकों को ऑनलाइन कार्य पद्धति में दक्ष बनाने के लिए सात दिन का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ विधानसभा समितियों की बैठकों में भी तकनीकी जानकारी दी जाएगी।
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नए कलेवर में विधानसभा
आईपैड, लैपटॉप और प्रिंटर के साथ, विधायकों को उनके आवास पर भी तकनीकी सुविधाएं दी जा रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि यह बदलाव न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने में भी मददगार साबित होगा। राजस्थान विधानसभा का यह डिजिटल बदलाव, पारदर्शिता और कार्यकुशलता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
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