होम / राजस्थान / Diwali 2024: दिवाली के दिन जरूर आए मां लक्ष्मी के इस प्राचीन मंदिर में, ऐसे होती है हर इच्छा पूरी

Diwali 2024: दिवाली के दिन जरूर आए मां लक्ष्मी के इस प्राचीन मंदिर में, ऐसे होती है हर इच्छा पूरी

BY: Poonam Rajput • LAST UPDATED : October 31, 2024, 11:39 am IST
ADVERTISEMENT
Diwali 2024: दिवाली के दिन जरूर आए मां लक्ष्मी के इस प्राचीन मंदिर में, ऐसे होती है हर इच्छा पूरी

Diwali 2024

India News RJ (इंडिया न्यूज़), Diwali 2024:  कील कनेक्शन जल्दी करवाएं या सास-बहू के बीच का झगड़ा खत्म हो जाए। ऐसी शिकायतों के लिए हमने लोगों को बार-बार सरकारी वैयक्तिक और कोर्ट में अर्जी लगाते देखा होगा। लेकिन बांस कस्बे में महालक्ष्मी का एक ऐसा मंदिर है, जहां श्रद्धालु ऐसी शिकायतें लेकर आते हैं और उनकी शिकायत पूरी भी होती है। यह मंदिर करीब 482 साल पुराना है। इस बार भी दिवाली के मौके पर मां महालक्ष्मी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती है।

मंतर दीपावली के दिन श्रद्धालु यहां भाई मांगते हैं। बांस में स्थित महालक्ष्मी का प्राचीन मंदिर मां महालक्ष्मी के इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भक्त मन्नत मांगकर मां को निर्भय बनाते हैं। भक्तों का मानना ​​है कि मां महालक्ष्मी उनके द्वारा लिखी गई हर बात को पूरा करती हैं।

श्रीमाल समाज के सचिव निखिलेश बताते है..

श्रीमाल समाज के सचिव निखिलेश श्रीमाल बताते हैं कि यहां सालभर श्रद्धालु मां से निर्भय बनाते हैं। इन चिट्ठियों को समय-समय पर खोला जाता है। दो-तीन साल बाद इन चिट्ठियों को पवित्र जल में विसर्जित कर दिया जाता है। 100 साल पुरानी परंपरा मंदिर में साहित्य स्मरण की परंपरा एक दशक पुरानी है।

आखिर दिवाली का त्योहार मनाने की क्या है वजह, जानें पुराणों से कैसे जुड़ा है इसका महत्व!

नगर निवासी श्रीमाल समाज की विभा श्रीमाल ने राजस्थान रेलवे सेवा की परीक्षा तीन बार दी थी। लेकिन वह दो से चार अंक आगे रही थी। इस पर उसने वर्ष 2002 में मीरा देवी मां लक्ष्मी का नामांकन रींकल की परीक्षा में कराया। उसी वर्ष उसका चयन हो गया। जैसे ही यह जानकारी अन्य साथियों तक पहुंची तो लोग मां से अपनी मनोकामना मांगते हैं। पांच तीन फीट की संगमरमर की मूर्ति करीब 482 साल पुरानी है।

Himachal Earthquake: सुबह-सुबह डोली धरती! दिवाली के दिन हिमाचल में भूकंप के झटके

पांच तीन फीट की मूर्ति 

इस मंदिर में माता महालक्ष्मी की पांच तीन फीट की मूर्ति है, जो सफेद संगमरमर से बनी है। मां लक्ष्मी 16 पत्तों वाले कमल के आसन पर विराजमान हैं। मां लक्ष्मी के उपासकों का कहना है कि पूरी दुनिया में लक्ष्मी की पूजा करने से घर में मातारानी हमेशा विराजमान रहती हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात, मेवाड़ में ऐसी मूर्ति उपलब्ध नहीं होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन की इच्छा रखते हैं। दिवाली पर महालक्ष्मी की मूर्ति को सोने-चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है।

Chhath 2024: महापर्व छठ के अवसर पर जेपी नड्डा CM नीतीश संग जाएंगे गंगा घाट

Tags:

BanswaraBreaking India NewsDiwali 2024India newsRajasthan NewsTodays India News

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT