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India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Dungarpur News: डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाने से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां गाड़ियों और जब्त की गई सामग्री के सुरक्षित रखने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। यह थाना राजस्थान-गुजरात सीमा पर स्थित होने के कारण संवेदनशील क्षेत्र में आता है, जहां शराब की तस्करी और अवैध गतिविधियों की भरमार है। जब पुलिस अवैध शराब या दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को जब्त करती है, तो उनके सुरक्षित भंडारण के लिए थाने में कोई मालखाना नहीं होने से उन्हें खुली जगह पर रखना पड़ता है।
इस समस्या की जड़ राजस्व विभाग और पुलिस के बीच पिछले 5 साल से चल रही खींचतान है, जिसके कारण थाने के लिए नई जमीन का आवंटन अब तक नहीं हो पाया है। वर्तमान में थाना 50 साल पुरानी जमीन पर संचालित हो रहा है, जो बेहद छोटी है और मालखाने जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए जगह नहीं है। थाने के बुनियादी ढांचे की इस कमी से न केवल पुलिस के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि जब्त की गई सामग्रियों और वाहनों की सुरक्षा भी खतरे में है।
उदयपुर के व्यापारी नरेंद्र कुमार भेरविया ने बिछीवाड़ा थाने पर गंभीर आरोप लगाया है कि उनकी एक्सीडेंट के बाद जब्त की गई कार थाने से गायब हो गई है। यह घटना 24 जुलाई 2019 की है, जब वे अपनी बेटी और मित्र के साथ अहमदाबाद जा रहे थे। बिछीवाड़ा थाने के पास एक होटल के सामने ट्रेलर ने उनकी कार को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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हादसे के बाद, जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अंसार अहमद ने उनकी कार को जब्त कर बिछीवाड़ा थाने में रखा था। हालांकि, जब नरेंद्र कुमार अपनी कार लेने के लिए थाने पहुंचे, तो उन्हें वहां कार नहीं मिली। अब, पांच साल से वे लगातार पुलिस प्रशासन से अपनी कार वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
डूंगरपुर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने उदयपुर के व्यापारी नरेंद्र कुमार भेरविया की गायब हुई कार के मामले में जानकारी देते हुए बताया कि कार नंबर आरजे 27 सीबी 6403 का कोई रिकॉर्ड थाने में उपलब्ध नहीं है। एक्सीडेंट से जुड़ा मामला 20 सितंबर 2019 को ग्राम न्यायालय बिछीवाड़ा में दर्ज किया गया था, और 15 जनवरी 2020 को ट्रेलर ड्राइवर को 10,000 रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई थी।
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