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सुप्रीम कोर्ट का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर फैसला, मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत

BY: Poonam Rajput • LAST UPDATED : December 13, 2024, 9:44 am IST
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सुप्रीम कोर्ट का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर फैसला, मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत

Places Of Worship Act

India News (इंडिया न्यूज़),Places Of Worship Act: जयपुर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के फैसले का मुस्लिम धर्म के प्रतीक के फैसले का स्वागत किया गया है। विभिन्न मुस्लिम धर्मावलंबियों की मान्यताओं का कहना है कि जिस तरह से हिंदुस्तान में एक के बाद एक धार्मिक धार्मिक स्थलों की स्थापना की जा रही थी और लगातार सांप्रदायिक भयावहता की कोशिश की जा रही थी। इस फैसले के बाद इन नीवे में कमी आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह का फैसला दिया है सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम तहे दिल से सम्मान करते हैं। इस तरह केंद्र सरकार से मांगा गया जवाब. केंद्र सरकार को तय समय में पूरा का जवाब जल्द से जल्द देना चाहिए। मूर्तिकारों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय को अन्य मामलों में भी पासीअंदाजी वकील चाहिए और जो लोग साम्प्रदायिकता को लेकर राक्षसी खराब करना चाहते हैं उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का मुसलमानों और सपा, कांग्रेस सहित धार्मिक संस्थाओं ने स्वागत किया है। कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने कहा कि SC के इस फैसले से कानून का बचाव हुआ है। 1991 अधिनियम की रक्षा हुई है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि अदालत के इस फैसले से देश और प्रदेश का मनोबल सबसे अच्छा होगा। मौलाना मौलाना रशीद फिरंगी महली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत मिली है। हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट अपने फाइनल डिसिजन में प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट को और अधिक मजबूत बनाएगा। क्योंकि यह अधिनियम आपके मुजफ्फर की गंगा जमुनी तहजीब के लिए बहुत जरूरी है।

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इस फैसले से देश-प्रदेश का सम्राट सबसे अच्छा होगा

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ के जनरल कंसल्टेंट शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वे स्वागत करते हैं। कोर्ट के इस फैसले से देश-प्रदेश का सम्राट सबसे अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि लोग मस्जिद कोर्ट में मस्जिदों के नीचे मस्जिदों की पूजा कर रहे हैं तो कभी मजार के नीचे की मस्जिदें तलाश कर रहे हैं। इस देश-प्रदेश का सबसे बुरा हाल है।

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1991 अधिनियम की रक्षा हुई

प्रवक्ता प्रवक्ता फखरुल हसन चांदन ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने सर्वे और फैसले पर रोक लगा दी है। साथ ही किसी भी नए मामले को दर्ज करने पर रोक लगा दी गई है। एसपी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा मंदिर और मस्जिद का विस्थापित देश के किसान, आदिवासियों और मूर्ति के मुद्दे को पीछे छोड़ना चाहता है।

कांग्रेस के पूर्व राजनीतिज्ञ दीपक सिंह ने कहा कि लेकर प्रदेश में राजनीति ज्यादा हो रही थी, जबकि धार्मिक कार्य कम हो रहे थे। प्रदेश का जो राक्षसी बुरा हो रहा था। इस फैसले से उसपर रोक लगाई गई। SC के इस फैसले से कानून की रक्षा हुई है। 1991 अधिनियम की रक्षा हुई है।

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देश में अमन की शुरुआत इसी के साथ ही ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए वकीलों को धन्यवाद। हम इसका स्वागत करते हैं। यह समय की आवश्यकता थी। इस देश में अमन की नई शुरुआत कोर्ट के आदेश से शुरू हुई है।

किसी को भी शक हो रहा है कि उस मस्जिद के नीचे मंदिर है तो वह कोर्ट में डोली सर्वे की मांग कर रहे थे। निचली अदालत की अर्जी पर सर्वे का आदेश दिया गया था। देश में अराजकता का राक्षस फ़्लो रह रहा था। वर्शिप एक्ट का मकसद ही यही था कि 1947 से जो स्मारक हैं, उन्हें बदला नहीं जा सकता।

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