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India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: किसानों की सभा के दौरान समाजवादी विचारक और पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा दुःखी किसान वर्ग है और किसानों का कर्जा माफ होना चाहिए। अमीर लोगों पर टैक्स लगातार उस पैसे को खेती और सिंचाई के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए। पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने ग्राम भैंसीना में आयोजित किसान सम्मेलन में बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में 88% किसान छोटी जात बाले हैं। जब किसान को सस्ता पानी मिलेगा तो उसकी आमदनी बढ़ेगी और बिजली का खर्चा कम हो जाएगा। देश में गरीब और अमीर का फर्क बढ़ता जा रहा है तथा गलत नीतियों के ही कारण तथा आम उपभोक्ता की क्रय शक्ति कम होती जा रही है। नरेगा के कार्य दिवस को बढ़ाकर सरकार को 200 दिन कार्य दिवस की गारंटी देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार जहां एक तरफ 28 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर करने की बात कह रही है जबकि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है। अब सवाल उठता है कि जब देश में गरीबी कम हुई है तो दूसरी और आयकर दाताओं की संख्या भी तो बढ़नी चाहिए।
आजादी से अब तक देश में 70 हजार किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन पिछले तीन दशकों में 40 हजार किसानों ने आत्महत्या की है।
उन्होंने आगे कहा कि किसान आंदोलन में विगत वर्षों में करीब 700 किसानों की मौते हुई है। इस वर्ष बैंको ने 16 लाख करोड़ से अधिक का कर्जा माफ किया है, लेकिन उसमें से 12 लाख करोड़ से अधिक का कर्जा बड़े उद्योगपतियों और कम्पनियों का ही कर्जा माफ किया है।
सभा में किसान नेता इंदल सिंह जाट ने कहा कि जब तक किसानों को उनके उत्पादों का बाजार में लाभकारी मूल्य की गारंटी का कानून नहीं बनता तब तक किसानों की हालत नहीं बदल सकती।
किसान नेता इंदल सिंह जाट ने किसानों को आह्वान किया कि किसान हित में 12 जनवरी को हलैना में होने वाले किसान सम्मेलन में सभी किसान और नौजवानों को हिस्सा लेना चाहिए, जिसमें पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक भाग लेंगे। सभा में भरतपुर नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष इन्द्रजीत भारद्धाज (भूरा) प्रवीण विजवारी, भाकियू चढ़ूनी के संभाग अध्यक्ष निभर्य सिंह बड़ेसरा, राम चन्देला ने सरकार से ERCP के समझौते को सार्वजनिक करने की मांग रखी है।
जबकि, पूर्व सरपंच हुक्म सिंह झारौटी, सरपंच बिजेन्द्र सिंह बबेखर, तेज सिंह पथैना, शिशुपाल पथैना, पूर्व सरपंच केशव देव शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किए। पानी और रोजगार के मुद्दों को लेकर आयोजित हुई इस किसान सभा में मौजूद किसानों ने एकजुट होकर सरकार से जहां सिंचाई पानी के लिये बाणगंगा नदी को गंभीर से जोड़ने तथा पांचना बांध के पानी का बंटबारा करने सहित ERCP-PKC के प्रथम चरण में ही भरतपुर और डीग जिलों को सिंचाई के पानी का इंतजाम करने की मांग की है।
किसानों नें वैर के सीता बांध को भी विकसित करके बंध बारैठा पाइप लाइन स्कीम से जोड़ने की मांग की है और रोजगार के लिए प्रदूषण रहित उद्योग धंधे लगाने की मांग की है। सभी किसानों ने पानी और रोजगार को लेकर कस्वा हलैना में 12 जनवरी को होने जा रहे किसान सम्मेलन में भारी संख्या में पहुंचने का संकल्प लिया। सभी किसानों ने निर्णय लिया कि पानी आने तक संघर्ष जारी रहेगा। किसानों की सभा में करीब एक दर्जन समीपवर्ती गांवों के किसानों ने सैंकड़ों की संख्या में हिस्सा लिया।
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