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Rajasthan News: अगर रहना है लिव-इन रिलेशनशिप में तो पहले रजिस्ट्रेशन होगा जरुरी! HC का आदेश

BY: Anjali Singh • LAST UPDATED : January 30, 2025, 11:19 am IST
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Rajasthan News: अगर रहना है लिव-इन रिलेशनशिप में तो पहले रजिस्ट्रेशन होगा जरुरी! HC का आदेश

If you want to be in a live-in relationship then registration will be necessary first

India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan High Court: राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया जाए। बता दें, कोर्ट ने यह आदेश कई लिव-इन कपल की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया, जिन्होंने सुरक्षा की मांग की थी। राजस्थान हाई कोर्ट का यह फैसला लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए सुरक्षा और कानूनी मान्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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क्या है हाई कोर्ट का आदेश?

जानकारी के मुताबिक, राजस्थान हाई कोर्ट की *एकल पीठ के न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढंड ने राज्य सरकार से कहा कि जब तक इस पर कानून नहीं बनता, लिव-इन रिलेशनशिप को सक्षम प्राधिकारी या न्यायाधिकरण के पास रजिस्टर कराया जाए। इसके लिए राज्य के हर जिले में एक विशेष समिति गठित करने का भी निर्देश दिया गया है, जो ऐसे कपल की शिकायतों का निवारण करेगी। जानकारी के अनुसार,कोर्ट ने कहा कि कई जोड़े लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, लेकिन समाज और परिवार से अस्वीकार्यता के कारण उन्हें खतरा महसूस होता है। ऐसे में वे अपने जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए कोर्ट का रुख कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को लिव-इन कपल के रजिस्ट्रेशन के लिए एक वेब पोर्टल शुरू करने का निर्देश दिया है।

लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़ी समस्याओं पर कोर्ट की राय

बेंच ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप का विचार आकर्षक लग सकता है, लेकिन इसमें कई चुनौतियां भी हैं। ऐसे में, खासकर महिलाओं की स्थिति कमजोर होती है, क्योंकि उन्हें कानूनी रूप से पत्नी का दर्जा नहीं मिलता और सामाजिक स्वीकृति की कमी रहती है। इसलिए कोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार को ऐसे रिश्तों को रजिस्टर करने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि कानूनी सुरक्षा मिल सके। इसके बाद कोर्ट ने आदेश की एक प्रति राजस्थान के मुख्य सचिव, विधि एवं न्याय विभाग के प्रधान सचिव और दिल्ली के न्याय एवं समाज कल्याण विभाग के सचिव को भेजने को कहा है, ताकि निर्देशों के अनुपालन के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। कोर्ट ने 1 मार्च 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है।

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Rajasthan High Court

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