India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Politics: पूर्व उपमुख्यमंत्री और टोंक से कांग्रेस के विधायक सचिन पायलट देर शाम को जयपुर आए। यहां हवाई अड्डे पर पर उन्होंने मीडिया से बात की। समरावता कांड पर पूछे सवाल का जवाब देते हुए पायलट ने कहा कि सबसे पहले जांच इस बात की होनी चाहिए की समरावता हिंसा क्या जानबूझकर की गई। साथ ही इस घटना का समय भी कई सवाल खड़े करते हैं। इसे किसका फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। आप बता दें कि समरावता में हिंसा होने के बाद में कांग्रेस की ओर से नरेश मीणा को लेकर किसी भी नेता का बयान नहीं आया। इसके अलावा वहां पर कोई भी कांग्रेस का नेता और प्रतिनिधि मंडल नहीं गया हैं। वहां से विधायक रहे और अब सांसद बने हरीश मीना के साथ प्रत्यासी केसी मीणा ने अभी तक समरावता इलाके से जबानी और फिजीकली दूरी ही बनाी हुई हैं। हां केवल कांग्रेस के पूर्व विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा जरुर आए थे वे यहां से विधायक रह चूके हैं और कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था।ऐसे में सचिन पायलट का यह बयान सियासी हलकों में कई मायने रखता हैं।
पांच दिन पहले अशोक गहलोत ने भी नरेश को लेकर सवाल खड़े किए थे
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक अशोक गहलोत ने पांच दिन पहले कहा था कि ‘नरेश मीना किसकी शह पर चुनाव में खड़े हुआ है। इस बात पर भी सोचना होगा, उसकों किसने खड़ा किया। क्या बीजेपी ने खड़ा किया, चुनाव जीतने के लिए, इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी ले रही है। सीधे तौर पर न सही लेकिन गहलोत ने इसका इशारा कर दिया था।
नरेश मीना को सचिन पायलट समर्थक माना जाता रहा
नरेश मीना को पायलट समर्थक माना जाता रहा है। लोकसभा चुनावों में भी जब नरेश मीना ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था तो पायलट की दखल से ही वापस लिया था। नरेश मीना ने उपचुनावों में प्रचार के दौरान सचिन पायलट को अपना नेता बताया था साथ ही वर्तमान और पूर्व सीएम अशोक गहलोत को लेकर निगेटिव बयान दिए थे। लेकिन पायलट के खिलाफ एक भी लफ्•ा नहीं बोला। खुद नरेश मीना ने महानगर संवाददाता को बताया था कि लोकसभा चुनावों में उन्हें बैठने पर आगामी उपचुनावों में टिकट देने का आश्वासन दिया गया था। समरावता क्षेत्र में केसी मीना और हरीश मीना न जाना चर्चा का विषय बना मतदान के समय और बाद में वहां पर हिंसा होने के उपरांत भी कांग्रेस से प्रत्याशी केसी मीना और पहले विधायक रहे हरीश मीना के न जाना वहां के ही नहीं पूरे अलीगढ़ रामपुरा से लेकर बनेठा तक चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इस मामले में दौसा से सांसद मुरारी लाल मीना का एक ऑजियो वायरल हो रहा हैं।
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इसके अलावा पायलट ने कहा कि महाराष्ट्र में इतनी बड़ी धनराशि पकड़ी जाना चिंता का विषय है। लोकतंत्र में मतदान से ठीक पहले ऐसा घटनाक्रम उजागर हुआ। उन्होंने कहा कि इसका खुलासा होना चाहिए कि इस पैसे से सत्ताधारी पार्टी ने न जाने क्या-क्या किया होगा? जो पार्टी राज्य और केंद्र में सत्ता में है। कौन उनके संपर्क में थे? कैसे इसको अंजाम दिया गया? कितने लोगों को यह प्रभावित कर चुके? इन सब बातों का खुलासा होना चाहिए । मतदान से ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी का यह रवैया लोकतंत्र की पारदर्शिता पर सवाल हैं। इन सब ताकतों ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान क्या-क्या किया होगा। चुनाव में मतदान तो बुधवार को होगा ऐसे में आयोग जांच क्या करेगा। निर्वाचन आयोग को तुरंत प्रभाव से निष्पक्ष और प्रभावी कारवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड, में किसान मन बना चुके हैं। दोनों राज्यों और जहां भी उपचुनाव है वहां कांग्रेस और हमारा गठबन्धन चुनाव जीतेगा।
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