India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan: विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित पाबू पाठशाला को आर्य समाज स्कूल में मर्ज करने के फैसले ने 61 दिव्यांग छात्रों के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है। इस निर्णय से चिंतित अभिभावक सोमवार को अपने बच्चों को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे। जहां उन्होंने स्कूल को यथावत रखने की मांग की। लेकिन अधिकारियों के अनुपस्थित रहने के कारण वे निराश लौटने को मजबूर हो गए।
आंदोलन करने को मजबूर होंगे
आपको बता दें कि अभिभावकों का कहना है कि दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सुविधाओं और अनुकूल वातावरण से युक्त इस स्कूल का विलय उनके बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। इनमें से कई बच्चे ऐसी विशेष आवश्यकताओं वाले हैं, जिन्हें सामान्य स्कूलों में पढ़ाई करने में कठिनाई होगी। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि इस निर्णय को वापस लिया जाए और पाबू पाठशाला को उसकी वर्तमान स्थिति में बनाए रखा जाए। उनका कहना है कि यदि यह निर्णय जल्द नहीं बदला गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सरकारी स्कूल का रवैया भी ठीक नहीं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभिभावकों का कहना था कि विशेष बच्चों को लेकर सरकारी स्कूल का रवैया भी ठीक नहीं है। वह ऐसे बच्चों को देखकर इसी स्कूल में विशेष योग्यजन बच्चों का प्रवेश करवाने को कहते हैं। यहां ध्यान देने योग्य यह बात है कि शिक्षा विभाग ने आदेश से पहले स्कूल की जमीनी हकीकत भी नहीं देखी, जिस जगह स्कूल का एकीकरण किया है। वहां रेंप शाहिद विशेष योग्यजन छात्र-छात्राओं के लिए कोई भी आधारभूत सुविधा तक नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि शिक्षा विभाग ने बिना हकीकत जान इस स्कूल का एकीकरण कर दिया।
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