India News Rajasthan (इंडिया न्यूज),Rajasthan Tonk DM IAS Profile: कल राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुए। वोटिंग के दौरान समरावता मतदान केंद्र का माहौल गर्म हो गया। इस दौरान टोंक जिले की देवली उनियारा सीट के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद बात काफी बढ़ गई। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जब हालत खराब हुए तो समरावता गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
टोंक एस.पी. तुरंत गांव में पहुंचे। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में जानकारी भी प्राप्त की और आरएएस एसोसिएशन से बात की। आइए जानते हैं टोंक जिले के डीएम और एसपी कौन हैं और जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है।
अमित कुमार चौधरी, जो वर्तमान में मालपुरा में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं, का जन्म 14 मई 1992 को हुआ था और वे राजस्थान के अलवर जिले के निवासी हैं। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास की और 2019 में एसडीएम के पद पर नियुक्त हुए। उनकी ट्रेनिंग जयपुर में हुई थी और इससे पहले उन्होंने कई अन्य क्षेत्रों में भी एसडीएम के रूप में सेवाएं दी हैं, जिनमें झालावाड़, बूंदी, डूंगरपुर और नागौर शामिल हैं। अपने करियर में कई स्थानों पर काम करने के बाद उन्हें टोंक जिले के मालपुरा का एसडीएम नियुक्त किया गया है।
टोंक जिले की डीएम सौम्या झा, जो टोंक की सबसे कम उम्र की कलेक्टर हैं, 2017 बैच की राजस्थान काडर की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की थी। बिहार की निवासी सौम्या ने प्रारंभिक शिक्षा बिहार से पूरी की और दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास किया और बतौर असिस्टेंट कलेक्टर उनकी पहली पोस्टिंग राजस्थान में हुई। अपनी कम उम्र में ही सौम्या ने बेहतरीन प्रशासनिक कुशलता से टोंक जिले की जिम्मेदारी संभाली है और लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई है।
वहीं, टोंक जिले के एसपी विकास सांगवान हैं, जो हरियाणा के रोहतक जिले के मुरादपुर टेकना गांव के निवासी हैं। विकास ने अपनी शुरुआती शिक्षा रोहतक के एमडीएन स्कूल से प्राप्त की और बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिकन एक्सप्रेस प्राइवेट कंपनी में सीनियर मैनेजर के रूप में लगभग सात साल काम किया। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और 123वीं रैंक हासिल करते हुए 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी बने। वर्तमान में वे टोंक जिले के एसपी के पद पर कार्यरत हैं और अपने काम में उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं।
टोंक जिले के इन अधिकारियों के काम और उनकी मेहनत का उदाहरण इस हालिया मामले में देखने को मिला, जहां एसपी और डीएम ने तुरंत कार्रवाई की और आवश्यक कदम उठाए।
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