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India News (इंडिया न्यूज), Manu Sharma\ New Year Destination: नववर्ष के स्वागत के लिए देसी विदेशी पर्यटक देश के अलग-अलग जगह पर जुटते हैं। इनमें गोवा के बीच और कई अन्य हिल स्टेशन भी है। इसके अलावा देश के पश्चिमी हिस्से के रेगिस्तान में द ईयर एंड और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए पर्यटक पहुंचते हैं। साल के आखिरी दिनों में पश्चिमी राजस्थान में देसी विदेशी पर्यटकों की बहार आ जाती है। जोधपुर से लेकर पाकिस्तान की सीमा वाले जैसलमेर तक सभी होटल और गेस्ट हाउस सैलानियों से भर जाते हैं। हालांकि इसकी शुरुआत दिवाली के साथ ही हो जाती है जब जोधपुर में गुजराती टूरिस्ट पहुंचना शुरू होते हैं।
जोधपुर आने वाले पर्यटकों का एक और आकर्षण
पश्चिमी राजस्थान की गर्मियां बहुत मुश्किल भरी होती हैं। यहां तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। गर्मियों के बाद सर्दी का मौसम शुरू होते ही टूरिस्ट पश्चिमी राजस्थान का रख कर लेते हैं ठंडे देशों से आने वाले सैलानियों के लिए यह अनुकूल मौसम होता है। इन दिनों जोधपुर के घंटाघर बाजार मेहरानगढ़ दुर्ग उम्मेद भवन पैलेस और मंडोर गार्डन जैसे पर्यटन स्थलों पर विदेशी पर्यटकों के टोल के टोल घूमते देखे जा सकते हैं। जोधपुर आने वाले पर्यटकों का एक और आकर्षण 70 किलोमीटर की दूरी पर ओसियां के रेतीले धोरे भी होते हैं। इन रेतीले धोरों पर पर्यटकों के लिए कैंप लगाए जाते हैं जिनमें रात बिताने का अनुभव अलग ही होता है। चांदनी रातों में इन रेतीले धोरों का नजारा पर्यटकों के लिए यादगार बन जाता है।
ज्यादा पुराने मेहरानगढ़ दुर्ग को देखकर..
जोधपुर में देसी विदेशी पर्यटक सबसे ऊंची पहाड़ी पर बने साढ़े पांच सौ साल से ज्यादा पुराने मेहरानगढ़ दुर्ग को देखकर रोमांचित हो जाते हैं। इसी तरह दुनिया के आधुनिकतम महलों में शुमार उम्मेद भवन पैलेस जो कि बलुआ पत्थर से बना है, सैलानियों को राजसी वैभव की झलक दिखाता है। मेहरानगढ़ दुर्ग के सामने ही संगमरमर का जसवंत थड़ा मारवाड़ का ताजमहल कहा जाता है। इसमें कई राजाओं की समाधियां हैं। जोधपुर के बाहर नागौर रोड के नजदीक रियासत कालीन मंडोर गार्डन भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसे वर्तमान में रंग बिरंगी रोशनियों वाले फव्वारों से सुसज्जित किया गया है। जोधपुर के लकड़ी के हैंडीक्राफ्ट आइटम पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
दाल-बाटी-चूरमा कई तरह की मिठाइयां
जोधपुर आने वाले पर्यटक यादगार के रूप में इनको खरीदने हैं और ले जाकर अपने घरों में सजाते हैं। साथ ही उपहार के तौर पर भी अपने परिजनों और पहचान वालों को देते हैं। इन पर्यटकों को जोधपुर के देसी घी के व्यंजन, दाल-बाटी-चूरमा कई तरह की मिठाइयां स्वाद की अलग ही दुनिया की सैर कराती है। इस तरह से कहा जा सकता है कि जोधपुर का भ्रमण पर्यटकों के जीवन की अवस्मरणीय घटनाओं में शुमार हो जाता है।
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