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India News (इंडिया न्यूज), Students Suicide in Kota: कोटा राजस्थान की शिक्षा नगरी जो हर साल हजारों छात्रों के सपनों को पंख देती है, एक बार फिर दो छात्रों की आत्महत्या से सन्न रह गई। बुधवार को कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में एक ही दिन में दो छात्रों ने अपनी जान दे दी, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई। गुजरात की रहने वाली 23 वर्षीय अफ्शा शेख ने पीजी के कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। अफ्शा छह महीने पहले ही कोटा आई थी और प्रतीक्षा रेजिडेंसी में रह रही थी। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन्स के बावजूद कमरे में पंखे पर हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ था। दूसरी घटना असम के नागोन शहर के 20 वर्षीय छात्र पराग के साथ हुई, जिसने कोटा में दो साल बिताने के बाद अपनी जान दे दी। जनवरी महीने में यह छठा मामला है जब कोटा में छात्रों ने आत्महत्या की है।
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क्या बोले शिक्षा मंत्री?
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में जयपुर में आयोजित एजुकेशन समिट में छात्रों की आत्महत्या पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि बच्चों पर पढ़ाई का दबाव और उनकी क्षमता से अधिक उम्मीदें आत्महत्या के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण हैं। दिलावर ने अभिभावकों से बच्चों की मानसिक स्थिति को समझने की अपील की। सम्मेलन में उपस्थित विशेषज्ञों ने भी मानसिक स्वास्थ्य और नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। महिला अधिकार कार्यकर्ता डॉ. ममता शर्मा ने कहा कि छात्रों की मानसिक समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
क्यों बढ़ रही हैं आत्महत्या की घटनाएं?
कोटा में छात्रों पर पढ़ाई का दबाव, परिवार की अपेक्षाएं और कोचिंग सेंटरों का प्रतिस्पर्धी माहौल आत्महत्या के मामलों को बढ़ावा दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और तनाव प्रबंधन का समर्थन देना बेहद जरूरी है। इस दुखद घटना ने एक बार फिर कोटा के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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