India News RJ (इंडिया न्यूज)Vasundhara Raje: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बार फिर राजनीति में थोड़ा सा कदम रखते ही खुद को बहुत बड़ा समझने वाले नेताओं को बड़ी नसीहत दी। राजे ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कई लोग पीतल की लौंग मिलते ही खुद को सुनार समझने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को राज्यपाल माथुर से सीख लेनी चाहिए कि ‘आप आसमान छूने की चाहत भले ही रखें, लेकिन अपने पैर हमेशा जमीन पर ही रखें।’ राजे ने सिक्किम का राज्यपाल बनाए जाने पर पीएम नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया।
वसुंधरा राजे ने कहा कि पीएम के करीबी राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर बाहर से गरम लेकिन अंदर से नरम हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिलाकर असंभव को संभव कर दिखाया। विपक्ष कुछ भी कहे, राज्यपाल रबर स्टांप नहीं बल्कि मखमली दस्ताने में लोहे की मुट्ठी हैं। सवार के हिसाब से घोड़ा दौड़ेगा। माथुर कुशल घुड़सवार हैं जो लगाम खींचना और चाबुक चलाना भी बखूबी जानते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राज्यपाल किसी भी विधेयक को रोक सकते हैं। वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करते हैं लेकिन अनुच्छेद 166(2) के अनुसार उनका फैसला अंतिम होता है। अनुच्छेद 356 में राज्यपाल की सिफारिश पर किसी भी बहुमत वाली सरकार को हटाकर राज्यपाल को उस राज्य में सरकार के सभी अधिकार मिल जाते हैं। इसलिए राज्यपाल शक्तिहीन नहीं बल्कि पूर्ण शक्ति संपन्न होता है। संविधान बनाते समय यह तय किया गया था कि जैसे देश में राष्ट्रपति होता है, वैसे ही राज्य में शासन चलाने के लिए राज्यपाल होगा। इसलिए राज्य में राज्यपाल सबसे अधिक शक्तिशाली होता है।
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