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Ayodhya Ram Mandir: ‘मैं देशभक्त हूं, अंधभक्त नहीं’, प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उद्धव ठाकरे का पीएम मोदी पर हमला

Rajesh kumar • LAST UPDATED : January 13, 2024, 1:48 pm IST

India News (इंडिया न्यूज),Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। एक तरफ लोग इस ऐतिहासिक दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले पर जमकर राजनीति भी हो रही है। विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे से राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कहना है कि वह भी 22 जनवरी को भगवान राम की पूजा करेंगे, फर्क सिर्फ इतना है कि यह पूजा अयोध्या में नहीं बल्कि महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी पर कालाराम मंदिर में होगी।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह राष्ट्रपति को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि वह कालाराम मंदिर में भगवान राम के दर्शन करेंगे और गोदावरी नदी पर आरती करेंगे। उद्धव ने कहा कि जब सोमनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा हुई थी तो राष्ट्रपति आये थे और उनके हाथों से ही प्रतिष्ठा हुई थी, इसलिए उनकी मांग है कि 22 जनवरी को भी राष्ट्रपति को बुलाया जाए। उद्धव ने कहा कि ये सिर्फ भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नहीं है, ये देश की प्रतिष्ठा है।

‘मैं देशभक्त हूं, अंधभक्त नहीं’

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह देशभक्त हैं लेकिन अंधभक्त नहीं। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए पूछा कि पीएम मोदी सिर्फ चाय पर ही चर्चा क्यों करते हैं। कभी-कभी उन्हें कॉफ़ी और बिस्कुट पर भी चर्चा करनी चाहिए। उद्धव ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राम राजगद्दी संभाल रहे हैं, हम दिवाली भी मनाएंगे, लेकिन देश के दिवालियापन पर भी चर्चा होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अटल सेतु तो बन गया है लेकिन वहां अटल जी की फोटो नहीं है, इसलिए देखना होगा कि राम मंदिर में राम जी की मूर्ति होगी या नहीं।

‘काम की वजह से मीटिंग में शामिल नहीं हो रहे’

इंडिया अलायंस की बैठक में शामिल होने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका कुछ दौरा है और उन्हें वहां जाना है, इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि भारतीय गठबंधन में सभी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है।

‘दर्शन के लिए किसी को निमंत्रण की जरूरत नहीं’

आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब उद्धव ठाकरे या उनकी पार्टी ने राम मंदिर को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला हो। इससे पहले भी उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था। कुछ दिन पहले उद्धव ने कहा था कि उन्हें भगवान के दर्शन के लिए किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है, वह जब चाहें मंदिर जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह 22 जनवरी के बाद अयोध्या जाएंगे।

‘राम को अयोध्या से उम्मीदवार घोषित करने में देरी’

इसके अलावा हाल ही में शिव सेना सांसद संजय राउत ने भी राम मंदिर को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने भगवान राम का अपहरण कर लिया है। राउत ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी राम के नाम पर राजनीति कर रही है, उससे लगता है कि पार्टी जल्द ही अयोध्या में चुनाव के लिए भगवान राम को अपना उम्मीदवार घोषित करेगी।

‘राम मंदिर आंदोलन में शिव सेना का योगदान’

उद्धव ने राम मंदिर पर योगदान को लेकर भी देवेन्द्र फड़णवीस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फड़णवीस अज्ञानी हैं, जो कह रहे हैं कि राम मंदिर में शिव सेना का कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में दायर केस में कई शिवसैनिकों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में उनकी पार्टी का भी अहम योगदान था।

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