Agniveer scheme: अग्निवीर भर्ती पर उठ रहे सवालों के बाद सरकार ने 10 मुख्य केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों को अग्निवीर भर्ती योजना की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। इस समीक्षा के तहत सरकार अग्निवीर भर्ती योजना में पाई गई कमियों को दूर कर इसे और मजबूत बनाने की कोशिश करेगी। आपको बता दें कि कई विपक्षी नेता सरकार से अग्निवीर भर्ती की समीक्षा की मांग कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक अग्निवीर भर्ती योजना पर एक आंतरिक सर्वे तैयार किया जा रहा है। इसके तहत मिलने वाले फीडबैक के आधार पर कई बदलाव किए जाने की संभावना है। सर्वे में अग्निवीरों, सेना की विभिन्न रेजिमेंटों में भर्ती और प्रशिक्षण कर्मचारियों, यूनिट और सब यूनिट कमांडरों से योजना के बारे में फीडबैक मांगा गया है। ये सभी अधिकारी वे हैं जिनके अधीन अग्निवीर काम करते हैं। इनके फीडबैक का मूल्यांकन किया जाएगा। इस समीक्षा के तहत पहले भर्ती हुए सैनिकों की तुलना में अग्निवीरों के तुलनात्मक प्रदर्शन, उनके बीच प्रतिस्पर्धा और अग्निवीरों में देखी गई सकारात्मक/नकारात्मक खूबियों पर सर्वे किया जाएगा। इसी आधार पर अग्निवीरों की भागीदारी, सेना में अग्निवीरों के स्थायी पद आदि के बारे में निर्णय लिए जाएंगे।
अग्निवीर भर्ती के तहत दी जाने वाली सेना की नौकरी केवल चार साल के लिए वैध होती है। मौजूदा नियमों के तहत अग्निवीरों की सेवा अवधि समाप्त होने के बाद करीब 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी रूप से सेवा में रखने का प्रावधान है। बाकी 75 प्रतिशत अग्निवीरों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। सेवा अवधि पूरी होने के समय इन अग्निवीरों की आयु करीब 25 वर्ष होगी। जिसके बाद इन्हें पुलिस, अर्धसैनिक बलों समेत कई नौकरियों में मौका मिल सकता है। इसके अलावा आपातकालीन समय में इन्हें वापस भी लिया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय चार साल की सेवा पूरी होने के बाद इन्हें वापस नौकरी में लाने पर विचार कर रहा है। अग्निवीरों के पहले बैच की सेवा अवधि 2026 में समाप्त होने से पहले इस संबंध में निर्णय लिए जाने की संभावना है।
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