India News (इंडिया न्यूज), Mursan and Hilsa: भारत के अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) के वैज्ञानिकों ने ग्रहों की खोज में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए, मंगल ग्रह पर तीन ऐसे क्रेटर खोजे हैं, जो पहले अज्ञात थे। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने इन क्रेटर का नाम पूर्व PRL निदेशक और दो छोटे भारतीय शहरों के नाम पर रखने की मंज़ूरी दे दी है। मंगल ग्रह पर थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र में 21.0°S, 209°W के आसपास स्थित तीन क्रेटर को आधिकारिक तौर पर लाल क्रेटर, मुरसान क्रेटर और हिल्सा क्रेटर नाम दिया गया है।
बता दें कि, -20.98°, 209.34° पर केन्द्रित 65 किमी चौड़ा क्रेटर, प्रसिद्ध भारतीय भूभौतिकीविद् और पूर्व पीआरएल निदेशक प्रो. देवेन्द्र लाल के सम्मान में लाल क्रेटर नाम दिया गया है। जिन्होंने 1972 से 1983 तक संस्थान का नेतृत्व किया था। प्रोफ़ेसर देवेन्द्र लाल एक कॉस्मिक किरण भौतिक विज्ञानी और एक पृथ्वी और ग्रह वैज्ञानिक थे। जो अपने शोध हितों की विविधता और रचनात्मकता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने प्राथमिक ब्रह्मांडीय विकिरण की संरचना और ऊर्जा स्पेक्ट्रम के साथ-साथ चंद्र नमूनों और उल्कापिंडों में परमाणु ट्रैक और रेडियोधर्मिता पर काम किया।
बता दें कि, लाल क्रेटर के पूर्वी किनारे पर स्थित एक छोटे 10 किमी चौड़े क्रेटर को भारत के उत्तर प्रदेश के एक शहर के नाम पर मुरसन क्रेटर नाम दिया गया है।
दरअसल, लाल क्रेटर के पश्चिमी किनारे पर स्थित एक और 10 किलोमीटर चौड़ा क्रेटर, जिसका नाम हिलसा क्रेटर रखा गया है, इसका नाम भारत के बिहार के एक शहर से लिया गया है। मुरसान नाम इसलिए चुना गया क्योंकि यह पीआरएल के वर्तमान निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज का जन्मस्थान है। जो एक प्रसिद्ध ग्रह वैज्ञानिक हैं। वहीं हिलसा, पीआरएल के वैज्ञानिक डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्मस्थान है। जो मंगल ग्रह पर इन नए क्रेटरों की खोज करने वाली टीम का हिस्सा थे।
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