India News (इंडिया न्यूज़), Ancient Stars: हिंदू धर्म के अनुसार इस विशाल ब्रह्माण्ड का निर्माण शिव और शक्ति ने किया है। दोनों ही शक्तियाँ ईश्वरीय तत्व को दर्शाती हैं। आज-कल वैज्ञानिक सोच रखने वाले लोगों को ऐसी बातें कोरी कलपनाओं से ज़्यादा कुछ भी नहीं लगती हैं।
ब्रह्माण्ड के बनने के बाद लाखों-करोडों तारों का निर्माण हुआ और आज उन्हीं तारों मेें दो तारे ऐसे मिले हैं जिन्होंने हमारी इस विशाल आकाशगंगा को बनाया है। उन दो तारों की खोज गाइया स्पेस टेलेस्कोप (Gaia Space Telescope) ने की है। ये टेलेस्कोप लगातार आकाशगंगा में मौजूद तारों की स्टडी कर रहा है। जर्मनी की सबसे बड़ी वैज्ञानिक संस्थान मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ ऐस्ट्रोनाॅमी ने दो कणों को खोजा है जो कि सबसे प्राचीन हैं और उन्हीं दो कणों ने आकाशगंगा का निर्माण किया है और उनका नाम शिव-शक्ति रखा गया है ।
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तस्वीर में दिख रहे नीले डाॅट्स शिव हैं और पीले डाॅट्स शक्ति हैं। दर्असल, ये दो कण तारों की प्राचीन लहरे हैं, जिन्होंने साथ मिलकर लगभग 1200 करोड़ साल पहले आकाशगंगा का निर्माण किया था। ये लहरें इतनी पुरानी हैं कि इनके बनने के बाद ही हमारी आकाशगंगा ने घुमावदार आकार लिया। इन कणों (शिव-शक्ति) ने ही हमारी आकाशगंगा की नींव रखी थी।
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ ऐस्ट्रोनाॅमी की वैज्ञानिक ख्याति ने कहा कि “ये आश्चर्य की बात है कि हम इन कणों को खोज पाए। इन तारों के बनने कै बाद से हमारी आकाशगंगा में लगातार बदलाव हो रहे हैं। हम इन्हें ग्रुप में कभी खोज ही न पाते, लेकिन Gaia Telescope ने इसे मुमकिन बना दिया। गाइया से मिले डेटा की मदद से ही ख्याति और उनकी टीम ने इन कणों की खोज की। इसके बाद इनके गति और व्यवहार का पता लगाया गया, साथ ही निर्माण के तत्वों की खोज की गई। इन तारों के समूह की रचना एक खास तरह के Chemical Mixture से हई है और इसी वजह से इनका नाम शिव-शक्ति रखा है।
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