संबंधित खबरें
रवींद्र जडेजा के चलते कैंसिल हुआ भारत और ऑस्ट्रेलियाई के बीच मैच! जाने क्या है प्रेस कॉन्फ्रेंस विवाद के पीछे का सच?
IND vs AUS 4th Test: किसे रास नहीं आई हिंदी? Ravindra Jadeja की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जमकर बवाल!
'कैप्टन कूल' ने किया अन कूल काम, भड़क गई सरकार, अब भुगतना पड़ेगा ऐसा अंजाम
विराट कोहली नहीं बल्कि यह घातक ऑलराउंडर होगा RCB का अगला कप्तान! ऐसे हुआ चौंकाने वाला फैसला
लड़की बनने के बाद कैसे तबाह हुई इस क्रिकेटर की जिंदगी? घरवालों ने निकाला फिर सिस्टम ने किया ऐसा हाल
भारत के विश्व विजेता क्रिकेटर के खिलाफ निकला अरेस्ट वारेंट, हुआ फरार! बड़े घोटाले में जाना पड़ेगा जेल?
Naresh Kumar Dies: भारत के डेविस कप टीम के पूर्व कप्तान नरेश कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 93 वर्ष की आयु में लिएंडर पेस के मेंटर रहे नरेश कुमार का निधन हो गया है। पूर्व कप्तान के परिवार में पत्नी सुनीता, पुत्र अर्जुन और दो बेटियां हैं। पिछले हफ्ते से वह उम्र से संबंधित परेशानियों से जूझ रहे थे। डेविस कप में नरेश कुमार की कप्तानी में पदार्पण करने वाले जयदीप मुखर्जी ने कहा कि आज हमने महान संरक्षक को खो दिया है।
आपको बता दें कि डेविस कप टीम के पूर्व कप्तान नरेश कुमार का जन्म 22 दिसंबर 1928 में अविभाजित भारत के लाहौर में हुआ था। एशियन टेनिस चैंपियनशिप से उन्होंने साल 1949 में अंतरराष्ट्रीय टेनिस की शुरुआत की थी। भारतीय टेनिस पर उन्होंने रामनाथन कृष्णन के साथ साल 1950 में एक दशक तक राज किया। उन्होंने कप्तान के तौर पर साल 1952 में डेविस कप में पदार्पण किया। जिसके बाद साल 1955 में वह विंबलडन के चौथे दौर तक पहुंच गए थे, लेकिन अमेरिका के टोनी ट्रैबर्ट से वह हार गए थे। नरेश कुमार ने बतौर अमेच्योर खिलाड़ी, विंबलडन के रिकॉर्ड 101 मैच खेले।
अपने करियर में नरेश कुमार ने 5 एकल खिताब जीते हैं। जिनमें 1952 और 1953 में आइरिश चैंपियनशिप, 1952 में वेल्श चैंपियनशिप, 1957 में एसेक्श चैंपियनशिप अगले साल उन्होंने वेंजेन टूर्नामेंट स्विट्जरलैंड में जीता। साल 1969 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप का फाइनल खेला। गैर खिलाड़ी के तौर पर साल 1990 में नरेश कुमार ने डेविस कप की कप्तानी की थी। जिसमें 16 वर्षीय लिएंडर पेस इस टीम का हिस्सा थे।
बता दें कि लिएंडर पेस ने जब नरेश कुमार को फ्रांस के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में 5वां मैच जीतने के बाद गले लगाया, तो इस दौरान वह भावुक हो गए थे। उन्होंने अर्जुन पुरस्कार भी जीता। इसके साथ ही बता दें कि नरेश कुमार पहले ऐसे टेनिस कोच बने जिन्हें आजीवन उपलब्धि के लिए साल 2000 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड मिला। अपने चाचा नरेश कुमार को द्रोणाचार्य अवॉर्ड मिलने पर लिएंडर पेस ने कहा था कि “श्रेष्ठ शिक्षक किताब से नहीं, दिल से पढ़ाते हैं।”
नरेश कुमार के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुख जताते हुए कहा कि “नरेश कुमार के निधन से मुझे बेहद ही गहरा दुख हुआ है। उन्हें प्यार से एक महान टेनिस खिलाड़ी के रूप में याद किया जाएगा। मेरा दिल उनके परिवार और प्रियजनों के साथ है। उन्हें इस कठिन समय में ताकत मिले।”
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.