Team India New Jersey Sponsor 2025: भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी प्रायोजक को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है. अपोलो टायर्स को टीम इंडिया का आधिकारिक जर्सी प्रायोजक घोषित कर दिया गया है. यह बदलाव तब सामने आया जब बीसीसीआई ने ड्रीम11 के साथ करार रद्द कर दिया. यह फैसला सरकार द्वारा सट्टेबाजी ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद लिया गया है. आइए जानते हैं कि अपोलो टायर्स बीसीसीआई को प्रत्येक मैच के लिए कितना पैसा देगा और स्पॉन्सरशिप के लिए कंपनी के खाते में कितनी रकम होनी ज़रूरी है.
PAK का गेम ओवर, एशिया कप में टीम इंडिया का अगला मैच कब, किससे होगा? जानिए पूरी डिटेल
अपोलो टायर्स बीसीसीआई को प्रत्येक मैच के लिए कितना पैसा देगा
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की जर्सी स्पॉन्सरशिप नीलामी में, अपोलो टायर्स कंपनी ने प्रति मैच 4.5 करोड़ रुपये देने की पेशकश की, जो ड्रीम11 द्वारा पहले दिए जा रहे 4 करोड़ रुपये से ज़्यादा है. यह नया समझौता 2027 तक लागू रहेगा और इसके साथ ही अब टीम इंडिया की आधिकारिक जर्सी पर अपोलो टायर्स का लोगो दिखाई देगा.
रिपोर्ट्स की मानें तो यह समझौता न केवल भारतीय क्रिकेट टीम को मज़बूत आर्थिक मदद देगा, बल्कि अपोलो टायर्स की ब्रांड वैल्यू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊँचाइयों पर भी ले जाएगा.
प्रायोजक कंपनी के खाते में कितनी राशि होनी चाहिए?
प्रायोजन के लिए, बीसीसीआई ने कंपनियों के लिए कड़े वित्तीय मानक तय किए थे. बोली लगाने वाली कंपनी का पिछले तीन वर्षों का औसत कारोबार कम से कम 300 करोड़ रुपये या उसकी कुल संपत्ति 300 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए. अपोलो टायर्स ने इन मानकों को बखूबी पूरा किया है.
प्रायोजन दरें
- बीसीसीआई ने अलग-अलग प्रारूपों और अलग-अलग टूर्नामेंटों के लिए दरें तय की हैं.
- द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के लिए प्रति मैच 3.5 करोड़ रुपये देने होंगे.
- आईसीसी और एशिया कप जैसे बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में प्रति मैच 1.5 करोड़ रुपये देने होंगे.
- कुल मिलाकर, बीसीसीआई अगले तीन वर्षों में जर्सी प्रायोजन से 400 करोड़ रुपये से अधिक की आय का लक्ष्य लेकर चल रहा है.
- इस सौदे को भारतीय क्रिकेट और कॉर्पोरेट जगत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इस साझेदारी से न केवल बीसीसीआई की आय बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक खेल बाजार में अपोलो टायर्स को भी लाभ होगा.