श्रेय आर्य:
IPL2022 बड़ी टीमों और खिलाड़ियों को कुछ खास रास नही आया. जहां एक ओर विराट कोहली, रोहित शर्मा और एम एस धोनी जैसे खिलाड़ियों का बल्ला नहीं चला तो वहीं दूसरी ओर मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स जैसी टीमें पॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे रहीं.
आईपीएल 2022 चेन्नई सुपर किंग्स के लिए दूसरा ऐसा सीजन रहा जब टीम प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई. लेकिन यह सीजन कई और वजहों से भी इस टीम के लिए भुलाने लायक बन गया. आईपीएल 2022 में चेन्नई सुपर किंग्स का एक भी बल्लेबाज 400 रन तक नहीं बना पाया.
यह इस टीम के इतिहास में पहली बार हुआ है. इससे पहले जब भी टीम आईपीएल में उतरी है तब उसकी तरफ से कम से कम एक बल्लेबाज ने तो 400 या इससे ज्यादा रन बनाए हैं. आईपीएल 2022 में चेन्नई की तरफ से ऋतुराज गायकवाड ने सबसे ज्यादा 14 मैच में 368 रन बनाए.
उनके बाद शिवम दुबे का नाम आता है जिन्होंने 11 मैच में 289 रन बनाए. अंबाती रायडू ने 274, डेवॉन कॉन्वे ने 252 और मोईन अली ने 244 रन बनाए. महेंद्र सिंह धोनी के बल्ले से 232 रन निकले. इतना ही नहीं ऐसा पहली बार हुआ है कि CSK के अंदर कप्तानी से लेकर रिटायरमेंट तक विवाद पैदा हुए हों.
सीजन के शुरू होने से पहले ही धोनी ने अपनी कप्तानी छोड़ दी थी और उनकी जगह जडेजा को कप्तान बनाया गया था. लेकिन उनकी कप्तानी में CSK का प्रदर्शन बिल्कुल खास नहीं था. इतना ही नही कप्तानी के दबाव के कारण खुद जडेजा का निज़ी प्रदर्शन भी बहुत नीचे पहुच गया था.
यही कारण था कि उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था, जिसके बाद उनके क़रीबियों ने बताया कि जडेजा टीम मैनजमेंट से खफ़ा हैं. जडेजा का मामला अभी खत्म भी नही हुआ था कि उसके बाद अचानक से ही रायडु ने सोशल मीडिया पर सन्यास का ऐलान कर दिया.
बाद में टीम मैनजमेंट ने कहा कि यह सब एक गलत फ़ैहमी में हुआ और रायडू कोई संयास नही ले रहे हैं. चेन्नई का कोई बल्लेबाज़ नहीं पहुँचा 400 के पारअब अगर आईपीएल 2022 से पहले की सीजन की बात करें तो 2008 से 2015 और फिर 2018 से 2021 तक हर बार चेन्नई का कोई न कोई बल्लेबाज 400 रन के पार गया.
2016 और 2017 में सीएसके की टीम सस्पेंशन की वजह से नहीं खेल पाई थी. 2008 में जब आईपीएल का पहला सीजन खेला गया तब सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी ने 400 प्लस रन बनाए थे. उस समय टीम फाइनल तक पहुंची थी. 2009 में सुरेश रैना और मैथ्यू हेडन ने यह मुकाम हासिल किया.
तब टीम प्लेऑफ तक गई. 2010 में चेन्नई को पहली बार आईपीएल ट्रॉफी मिली. उस समय रैना के अलावा मुरली विजय ने 400 से ज्यादा रन एक सीजन में बनाए. 2011 में जब लगातार सीएसके चैंपियन बनी तब तीन बल्लेबाज 400 पार गए. ये थे- रैना, विजय और माइक हसी. 2012 में केवल रैना ही 400 पार हुए. इस बार टीम फाइनल में हारी.
2013 में रैना, धोनी और हसी 400 प्लस रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. इस बार भी सीएसके फाइनल में हार गई. 2014 में सीएसके प्लेऑफ तक गई. इस बार रैना, ड्वेन स्मिथ और ब्रेंडन मैक्लम ने 400 का आंकड़ा पार किया. 2015 में मैक्लम ने फिर से यह कमाल किया. इस बार टीम फाइनल तक गई और हार गई.
जब 2018 में सस्पेंशन के बाद फिर से चेन्नई की वापसी हुई थी तब चेन्नई के चार बल्लेबाजों ने 400 से ज्यादा रन बनाए. इनमें रैना, धोनी, शेन वॉटसन और अंबाती रायडू के नाम आते हैं. इस साल सीएसके ने तीसरी बार खिताब जीता. 2019 में सीएसके फिर से फाइनल खेली, उस साल केवल कप्तान धोनी ही 400 से ज्यादा रन बना सके.
2020 वो पहला साल था जब चेन्नई लीग स्टेज से बाहर हुई थी और उस सीजन केवल फाफ डु प्लेसी ही 400 रन से आगे जा सके. 2021 में सीएसके फिर से चैंपियन बनी. इस बार फाफ डु प्लेसी और ऋतुराज गायकवाड़ ने 600 रन से भी ज्यादा बनाए. सीएसके की तरफ से सुरेश रैना ने सबसे ज्यादा आठ सीजन में 400 या इससे ज्यादा रन बनाए.
फिर धोनी आते हैं जिन्होंने चार बार ऐसा किया. मुरली विजय, माइक हसी, ब्रेंडन मैक्लम और फाफ डुप्लेसी ने दो-दो बार यह कमाल किया. इसीलिए यहां पर अब इस बात को लेकर कर चर्चा गरमा गई है कि 2022 का सीजन चेन्नई के लिए अबतक का सबसे बुरा सीजन रहा है, जो कि इस चैंपियन टीम के साथ बिल्कुल भी न्याय नहीं करता है.
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