संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
Chhath Puja 2022 Day 3: बिहार के महापर्व छठ का आगाज हो चुका है। छठ के महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो गई है। चार दिनों तक मनाए जाने वाले छठ का दो दिन पहला दिन नहाय खाय और दूसरा दिन खरना समाप्त हो चुका है।आज तीसरा दिन है। आज के दिन अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सुर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी । ऐसे में घाटों पर छठ के महापर्व में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. अब 30 अक्टूबर यानी आज कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास रहती हैं और शाम नें किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
बता दें अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सभी जरूरी चीजों की खरीदारी एक दिन पहले यानी खरना के दिन ही पूरी कर ली जाती है. अब शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देते समय इन सभी चीजों का प्रयोग किया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि के दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और संध्या काल में अस्त हो रहे सूर्य को अर्घ्य देती हैं. ये अर्घ्य पानी में दूध डालकर दिया जाता है. सूर्यास्त के समय व्रती महिला के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहते हैं. इस दिन बांस से बनी टोकरी जिसे लोक भाषा में सूप कहा जाता है उसमें फल, ठेकुआ, गन्ना, नारियल, फूल, चावल के लड्डू, मूली, कंदमूल आदि रखकर पूजा की जाती है।
बता दें आज शाम के समय लोग घाटों का रूख करेंगे । बता दें इन घाटों को कई दिन पहले से सजाया जाता है और इस लायक बनाया जाता है कि किसी को पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या ना हो। जिन लोगों के आस पास कोई घाट या तालाब नहीं होता वो अपने आस पास गढ़ा बना कर एक घाट का रूप दे देते हैं और भगवान सुर्य की पूजा यंही करते हैं। इस समय बिहार के घाटों का रौनक देखते ही बनता है।
छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं खरना के प्रसाद के बाद कुछ नहीं खाती हैं. इसके बाद उन्हें 36 घंटे यह निर्जला व्रत रखना पड़ता है. इस बीच वो पानी, जूस, दूध या किसी अन्य चीज का भी सेवन नहीं करती हैं. छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है और इसके बाद ही महिलाएं कुछ खा सकती हैं.
छठ पूजा में आज सूर्यास्त के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. ये अर्घ्य शाम 5 बजकर 34 मिनट पर दिया जाएगा. इसके बाद अगले दिन यानी 31 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा.
ये भी पढ़ें – Chhath Puja 2022: इस वजह से सुहागीन औरतें छठ पूजा में लगाती हैं नाक तक सिंदूर
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.