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India News (इंडिया न्यूज़), Manoj Joshi, Cricket News: जिस समय अनिल कुम्बले दिल्ली टेस्ट में पाकिस्तान के सभी दस विकेट चटकाने के करीब थे तो दो रोचक घटनाओं ने सबका दिल जीत लिया। पहली यह कि जब सकलैन मुश्ताक के रूप में नौवां विकेट गिरा तो वकार यूनिस बतौर आखिरी बल्लेबाज़ क्रीज़ पर आए। उनके दिमाग में क्या फितूर चल रहा था, इसका उल्लेख वसीम अकरम ने किया है। उन्होंने कहा कि वकार मेरे पास आया और कहने लगा कि हारना तो अब है ही, क्यों न रन आउट हुआ जाए जिससे कुम्बले पारी के सभी दस विकेट न ले पाए। वसीम ने कहा कि मैने उसे ऐसा करने से मना किया।
इसी दौरान एक और मज़ेदार वाक्या हुआ। वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी आटो बायोग्राफी – 281 एंड बियॉन्ड में लिखा है कि तब हम सब फील्डरों ने यह तय कर लिया था कि कुम्बले को छोड़कर किसी भी गेंदबाज़ की गेंद पर कैच नहीं लपकना है। यहां तक कि उन्होंने जवागल श्रीनाथ को पहली बार विकेट के लिए गेंदबाज़ी न करते हुए देखा और वह अपनी काफी गेंदें बाहर की तरफ कर रहे थे।
लक्ष्मण आगे लिखते हैं कि तभी अचानक श्रीनाथ की गेंद पर वकार यूनिस का कैच उछला। हमने तय किया था कि कुम्बले के अलावा किसी गेंदबाज़ की गेंद पर कैच नहीं लपकेंगे लेकिन इस बात को लगता है कि सदागोपन रमेश भूल गए और उन्होंने उस गेंद को लपकने के लिए डाइव लगा दी। यह कुम्बले की खुशकिस्मती थी कि वह कैच नहीं हो पाया। अगर हो जाता तो इंग्लैंड के जिम लेकर के रिकॉर्ड की भी बराबरी होने से रह जाती। उस समय मैने पहली बार गेंदबाज़ के मुंह से असंसदीय शब्दों को बोलते हुए सुना। सदगोपन का यह दूसरा टेस्ट था।
दिल्ली टेस्ट में पाकिस्तान को भारत ने 420 का लक्ष्य दिया था। सईद अनवर और शाहिद आफरीदी ने पहले विकेट के लिए सेंचुरी पार्टनरशिप करके पाकिस्तान की उम्मीदें जगाए रखीं लेकिन उसके बाद कोटला पर कुम्बले का ऐसा तूफान आया कि पाकिस्तान टीम के परखच्चे उड़ गए। देखते ही देखते पाकिस्तान ने 27 रन पर पांच विकेट खो दिए और पूरी टीम 207 रन पर ढेर हो गई और कुम्बले ने 74 रन देकर पारी के सभी दस विकेट हासिल किए।
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