Manoj Tiwary: इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व बैट्समैन मनोज तिवारी ने पेसर मोहम्मद शमी से जुड़े मामले को संभालने के तरीके को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सिलेक्टर्स की आलोचना की. तिवारी ने रणजी ट्रॉफी में अच्छा परफ़ॉर्म करने के बावजूद शमी को पिछली कुछ सीरीज़ में नज़रअंदाज़ किए जाने के बाद सिलेक्टर्स की तरफ़ से बातचीत की कमी पर सवाल उठाया. पूर्व इंडियन स्टार ने कहा कि सिलेक्टर्स ने पारदर्शिता नहीं रखी है और ऐसा लग रहा है कि जब इस अनुभवी पेसर की बात आती है तो भरोसे की कमी है. शमी ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए काफ़ी शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट के लिए उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया गया.
बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी नहीं किया टीम में शामिल
उन्होंने इंडिया टुडे को बताया कि टीम सर्कल में भरोसे और समझ की कमी लगती है. मोहम्मद शमी ने बंगाल के लिए लगातार विकेट लिए हैं, लेकिन उन्हें टेस्ट या ऑस्ट्रेलिया में ODI के लिए भी नहीं चुना गया.
वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम की घोषणा के बाद, BCCI के चीफ़ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा कि उनके पास शमी की फ़िटनेस पर कोई साफ़ अपडेट नहीं है. हालांकि, तिवारी इस बात से खुश नहीं थे और उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी की स्थिति और फिटनेस लेवल को समझना ट्रेनर, फिजियो और टीम मैनेजमेंट की ज़िम्मेदारी है.
ट्रेनर और फिजियो का काम है अपडेट देना – तिवारी
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सिलेक्टर्स ने कहा कि कोई फिटनेस अपडेट नहीं था. लेकिन यह किसका काम है? ट्रेनर और फिजियो को अपडेट देना चाहिए. कम से कम फ़ोन उठाकर खिलाड़ी से तो पूछो. वह एक सीनियर खिलाड़ी है जिसने सालों तक योगदान दिया है – आप कम से कम उसे फ़ोन तो कर सकते हैं. यह कोच और सिलेक्शन कमिटी की ज़िम्मेदारी है.
पूर्व कप्तान मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि टीम मैनेजमेंट ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को जबरन टेस्ट क्रिकेट से रिटायर करने की कोशिश की. उनका कहना है कि मैनेजमेंट ने ऐसा माहौल बनाया ताकि दोनों ज्यादा समय तक टीम में न रहें, जबकि रोहित और कोहली अभी खेलना चाहते थे.
दोनों ने मई 2025 में खेल के सबसे लंबे फ़ॉर्मेट से रिटायरमेंट ले लिया, जो भारत के इंग्लैंड के टेस्ट दौरे से कुछ हफ़्ते पहले था. पहले टेस्ट में साउथ अफ्रीका से भारत की हार पर बात करते हुए तिवारी ने कहा कि भारतीय टीम में ‘ट्रांज़िशन’ जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि टीम में बहुत सारे खिलाड़ी मौके का इंतज़ार कर रहे हैं.