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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट:विवादों, चुनौतियों और संभावनाओं का सामना
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली, (England Beat India By 7 Wickets):
इंग्लैंड ने एजबेस्टन टेस्ट में जिस तरह जो रूट और जॉनी बेयरस्टो की बेहतरीन बल्लेबाज़ी की वजह से 378 रनों के विशाल लक्ष्य को बौना बनाया। उससे यह बात साफ है कि टीम की इस मैच में शानदार प्लानिंग थी। जिसने इस काम को आसान बना दिया।
मुझे ऐसा लगता है कि अगर इस लक्ष्य में 100 रन ज्यादा भी होते तब भी इंग्लैंड आसानी से लक्ष्य हासिल कर लेता क्योंकि भारतीय टीम की परफॉर्मेंस का स्तर खासकर दूसरी पारी में काफी हल्का था और हमारी टीम खेल के हर विभाग में एक्सपोज़ हो गई।
इंग्लैंड की टीम ने हमारी टीम की तमाम कमजोरियों का भरपूर फायदा उठाया और हमारी टीम को अंत तक आते आते हर विभाग में पछाड़ दिया। तीसरे दिन तक टीम इंडिया इंग्लैंड की टीम से आगे चल रही थी और मुझे भी यही लग रहा था कि भारत के हक में ये मैच जाएगा।
क्योंकि चौथे दिन तक इंग्लैंड टीम इस मैच में कहीं नहीं थी। टीम इंडिया अगर पूरी फॉर्म के साथ खेलती तो चौथे दिन ही यह मुकाबला टीम इंडिया के पक्ष में खत्म हो सकता था। मगर दूसरी पारी में इंग्लैंड की ओपनिंग जोड़ी ने जिस तरह से शुरुआत की।
उससे साफ नज़र आ रहा था कि उनके इरादे कुछ और ही हैं लेकिन उसके बाद चौथे दिन जो सोचा था, हुआ उसके एकदम उलट जिससे इंग्लैंड ने भारतीय टीम को चारो खाने चित कर दिया।
मैं अगर चौथे दिन का विश्लेषण करूं तो इंग्लैंड टीम के इरादे एकदम साफ थे और पहली गेंद से ही इंग्लैंड के बल्लेबाज़ बहुत पॉजिटिव थे। उनको किसी भी हालत में ये मुकाबला जीतना था और भारतीय टीम को पटखनी देनी थी। जिस तरीके से इंग्लैंड ने बल्लेबाज़ी की भारतीय गेंदबाजों को सोचना चाहिए था कि गेंदबाज़ी कैसे योजनाबद्ध तरीके से करनी है।
साथ ही टीम को प्लान बी भी तैयार रखना चाहिए था। यह सब हम रणजी ट्रॉफी में भी किया करते हैं कि जब पिच अच्छी होता है और बल्लेबाज़ पार्टनरशिप बना रहे होते हैं तो आप रनों की गति पर रोक लगाना शुरू कर देते हैं और अपने गेंदबाजों को बाउंड्री से बचने की सलाह देते हैं।
इस सब का साफ मतलब यही है कि अगर आप बेसिक्स को ध्यान में रख कर भी खेलते हैं तो भी मुकाबले को कठिन बना सकते हैं। आखिरी दिन जॉनी बेयरस्टो और जो रूट जिस तरह खेले हैं, उससे यह लक्ष्य बेहद बौना बन गया। (England Beat India By 7 Wickets)
इंग्लैंड ने इस दिन बचे हुए रन 18 ओवरों में ही हासिल कर लिए या यह कहिए कि इन दोनों बल्लेबाज़ों ने हमारे गेंदबाज़ों को रौंद डाला। इस मैच में रविचंद्रन अश्विन को न खिलाना मेरे हिसाब से सबसे बड़ी गलती थी। यह ऐसी हार है जिससे टीम इंडिया को उबरना आसान नहीं होगा।
राहुल द्रविड़, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, विराट कोहली आदि दिग्गजों को साथ बैठकर इस हार पर मंथन करना ज़रूरी है। इन्हें आगे के लिए भी रणनीति बनानी होगी और उन तथ्यों को बारीकी से समझना होगा कि आखिर भारत यह टेस्ट क्यों हारा। ग़लती कहां हुई और इन गलतियों में कैसे सुधार किया जा सकता है।
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