इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (For Entire Session From Lok Sabha) : लोकसभा से पूरे सत्र के लिए कांगे्रस के चार सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वाले सांसदों में कांग्रेस सांसद जोतिमणि, राम्या हरिदास, मणिकम टैगोर, टीएन प्रतापन हंै। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
गौरतलब है कि सदन में तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे पुन: बैठक शुरू हुई तो पीठासीन अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इस दौरान कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के दौरान उनके हाथों में तख्तियां भी थीं।
शोर-शराबे के बीच ही कुछ सदस्यों ने नियम 377 के तहत अपने विषय रखे। इसके बाद पीठासीन अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि कुछ सदस्य निरंतर तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे हैं जो सदन की मयार्दा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने भी इस संबंध में सदस्यों को चेतावनी दी थी। मानसून सत्र के छठे दिन सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के अंदर प्रदर्शन कर रहे सांसदों को तख्तियां न दिखाने की चेतावनी दी थी।
अग्रवाल ने कहा कि आसन के पास इन सदस्यों के नाम लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सदस्य कृपया इस चेतावनी का ध्यान रखें और किसी तरह की तख्ती नहीं दिखाएं। उन्होंने कांग्रेस के चारों सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किये जाने की घोषणा की। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आसन से चारों कांग्रेस सांसदों के खिलाफ कार्यवाही करने का अनुरोध किया और इस संबंध में सदन में प्रस्ताव रखा। अग्रवाल ने इसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न करीब 3.50 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
कांग्रेस सांसदों यह कार्रवाई नियम 374 के अुनसार की गई है। इस नियमों के अनुसार जिद्द और जानबूझकर सदन की कार्यवाही रोकना शामिल है। इसके अलावा इस नियम में स्पीकर के प्राधिकार की उपेक्षा करना और नियमों का दुरुपयोग करना शामिल है। इन सांसदों के खिलाफ पहले निलंबन प्रस्ताव दिया गया था जिसके बाद सर्वसम्मित से सभी को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं चार सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार डराने की कोशिश कर रही है। लेकिन पार्टी इससे झुकने वाली नहीं है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार हमारे सांसदों को निलंबित करके हमें डराने की कोशिश कर रही है। उनकी क्या गलती थी? वे उन मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे थे जो लोगों के लिए मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि सांसद गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि, आटा और छाछ जैसी वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के मुद्दों को उठाते हुए तख्तियां लिए हुए इसका विरोध कर रहे थे। हमने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई।
निलंबित सांसद मणिकम टैगोर ने बताया कि कांग्रेस गत छह दिनों से मूल्य वृद्धि पर चर्चा कराने की मांग कर रही है। इसे लेकर स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस भी दे दी है लेकिन सरकार ने अहंकार दिखाते हुए इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि आज जब एक आदिवासी महिला ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली है, तो एक दलित महिला को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
टैगोर ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा केवल यह चाहती है कि संसद, उनके अपने नेताओं और उनकी जीत की जय-जयकार करे। उन्होंने कहा कि हम सदन में तख्तियां दिखाने और उन्हें कैमरे के एंगल में रखने की कोशिश कर रहे थे। वे कहते हैं कि संसद में तख्तियों की अनुमति नहीं है, जो अनुमति है वह केवल मोदी जी के लिए जयकार है। लेकिन हमारा विरोध मुद्दों को लेकर है।
टैगोर ने आरोप लगाया कि सरकार केवल दुनिया के चौथे सबसे अमीर आदमी (गौतम अडानी) की आवाज सुनती है, आम आदमी की नहीं। निलंबित सांसद टैगोर ने कहा, हमें संसद में लोगों की आवाज उठाने के लिए निलंबित किया गया है। हम देश की जनता के लिए लड़ते रहेंगे। संसद में सौ चीजों की इजाजत नहीं, सिर्फ मोदी जी और अमित शाह जी की जय-जयकार करने की इजाजत है।
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