Women’s World Cup: महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने घोषणा की है कि आगामी ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में पहली बार सभी मैच अंपायर और मैच रेफरी पूरी तरह से महिलाएं होंगी. महिला वनडे विश्व कप में यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं हुई है. हालाँकि यह प्रयोग पहले 2022 राष्ट्रमंडल खेलों और दो महिला टी20 विश्व कप में किया जा चुका है, लेकिन इस प्रतिष्ठित 50 ओवर के टूर्नामेंट में यह पहली बार होगा. भारत और श्रीलंका की मेजबानी में 30 सितंबर से शुरू हो रहे 13वें महिला विश्व कप के लिए कुल 14 अंपायर और 4 मैच रेफरी चुने गए हैं. ICC के अध्यक्ष जय शाह ने इसे महिला क्रिकेट की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह पहल भविष्य में और भी प्रेरणादायक कहानियाँ गढ़ेगी.
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महिला क्रिकेट के इतिहास में नया कारनामा
ICC द्वारा महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के लिए चुना गया पैनल पूरी तरह से महिलाओं का है. यह कदम महिला क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि ऐसा पहली बार किसी महिला वनडे विश्व कप में हो रहा है. इससे पहले महिला टी20 विश्व कप और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी यह पहल की जा चुकी है, लेकिन विश्व कप जैसे सबसे बड़े मंच पर इसे लागू करना महिला खेलों के बढ़ते महत्व और समानता का प्रतीक है.
कुल 18 महिला ऑफिशियल्स की हुई घोषणा
टूर्नामेंट के लिए चुने गए 14 अंपायरों में कई बड़े नाम शामिल हैं. क्लेयर पोलोसाक, जैकलीन विलियम्स और सू रेडफर्न अपने तीसरे महिला विश्व कप में नज़र आएंगी. वहीं, लॉरेन एजेनबैग और किम कॉटन भी दूसरी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का हिस्सा होंगी। इन दोनों ने 2022 विश्व कप फ़ाइनल में भी अंपायरिंग की थी, जब ऑस्ट्रेलिया ने सातवाँ ख़िताब जीता था. इनके अलावा, सारा दंबनेवाना, शतीरा ज़ाकिर जेसी, एलोइस शेरिडन, वृंदा राठी, गायत्री वेणुगोपालन और अन्य नाम इस पैनल को और भी ख़ास बनाते हैं.
अनुभवी मैच रेफरी पैनल
अंपायरों के अलावा, चार मैच रेफरी भी महिला क्रिकेट में एक नई मिसाल कायम करेंगी. इस पैनल में ट्रुडी एंडरसन, शैंड्रे फ्रिट्ज़, जीएस लक्ष्मी और मिशेल परेरा शामिल हैं. जीएस लक्ष्मी पुरुष क्रिकेट टूर्नामेंटों में भी अपनी छाप छोड़ चुकी हैं और उनकी उपस्थिति युवा महिला रेफरियों के लिए प्रेरणास्रोत होगी. यह पैनल अनुभव और नई ऊर्जा का संतुलन दर्शाता है.
जय शाह ने दिया बड़ा संदेश
आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने इसे केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं, बल्कि महिला खेलों में समानता और अवसर का एक वास्तविक संदेश बताया है. उनके अनुसार, “यह पहल दृश्यता, अवसर और प्रेरणादायक रोल मॉडल तैयार करने के लिए है.” यह भविष्य में और अधिक महिलाओं को अंपायरिंग और रेफरी के रूप में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा. यह कदम महिला क्रिकेट के विस्तार, वैश्विक मान्यता और खेल में लैंगिक समानता की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा.
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