India News (इंडिया न्यूज), Cricket World Cup 2023: भारत में क्रिकेट विश्वकप का आगाज हो चुका है। इस समय अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच मुकाबला खेला जा रहा है। पिछली बार की तुलना में इस बार क्रिकेट विश्व आईसीसी द्वारा कई नियमों में फेरबदल किए गए हैं। इन्हीं में से एक नियम हैं सॉफ्ट – सिग्नल। आपको बता दें कि इस बार विश्वकप में इस नियम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। आइए जानते हैं क्या होता सॉफ्ट – सिग्नल का नियम और क्यों होता रहा है इस पर विवाद?

क्या होता है सॉफ्ट सिग्नल

क्रिकेट मैच के दौरान क्लोज कैच या विकेट को लेकर स्थिति साफ नहीं होती है, तो उस दौरान फील्ड अंपायर थर्ड अंपायर को दोबारा चेक करने के लिए भेजता है। ऐसे में ग्राउंड अंपायर को थर्ड अंपायर के पास भेजने से पहले एक अपने नुभव का आधार पर एक सॉफ्ट सिग्नल देना होता है। इसे ही सॉफ्ट सिग्नल कहा जाता है। कई बार टीवी अंपायर ठोस सबूत के आभाव में मैदानी अंपायर के फैसले को ही आखिरी फैसले के रूप में दे देते हैं। हालांकि, कई बार यह नियम विवाद की वजह भी बना है। मैच के दौरान कई बार फील्ड अंपायर को कुछ और लगता है, जबकि कैमरे से देखने पर कुछ और दिखता है। इस वजह से इस पर विवाद हो जाता है।

8 अक्टूबर को पहला मैच

रोहित शर्मा के नेतृत्व में मेन इन ब्लू अपना पहला मैच 8 अक्टूबर को एमए चिदंबरम स्टेडियम में पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगा। आगामी मैच टीम इंडिया के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि वे अपने अभियान की जोरदार शुरुआत करना चाहेंगे।

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