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‘घुटनों के बल…’ द. अफ्रीकी कोच के बयान से बवाल, 3 भारतीय दिग्गज बोले, ‘बदला…’

IND vs SA 2nd Test:दक्षिण अफ्रीका के मुख्य कोच शुकरी कोनराड के ‘भारतीय टीम को घुटनों के बल लाने’ वाले बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. दूसरे टेस्ट के चौथे दिन 549 रन के टारगेट का पीछा कर रही भारतीय टीम हार से बचने के लिए जूझ रही है, लेकिन मैच से ज़्यादा चर्चा कोनराड की भाषा पर हो रही है.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: 2025-11-26 11:52:31

IND vs SA 2nd Test: दक्षिण अफ्रीका के मुख्य कोच शुकरी कोनराड के ‘भारतीय टीम को घुटनों के बल लाने’ वाले बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. दूसरे टेस्ट के चौथे दिन 549 रन के टारगेट का पीछा कर रही भारतीय टीम हार से बचने के लिए जूझ रही है, लेकिन मैच से ज़्यादा चर्चा कोनराड की भाषा पर हो रही है.

कोनराड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम चाहते थे कि भारत मैदान पर ज्यादा देर रहे, थके… और घुटनों के बल आ जाए (यह वाक्य मैं ‘चुरा’ रहा हूं.)’

उन्होंने इसके लिए ‘Grovel’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिसका उपयोग 1976 में इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग ने बेहद विवादित बयान में किया था, जब उन्होंने वेस्टइंडीज को उसी शब्द से उकसाया था… और फिर सीरीज 0-3 से हार गए थे.

इसी ऐतिहासिक संदर्भ ने मामला गरमा दिया.

भारतीय दिग्गजों का पलटवार

  • अनिल कुंबले ने कहा कि मॉडर्न क्रिकेट में ऐसी भाषा की कोई जगह नहीं. उन्होंने कहा, ’50 साल पहले यही शब्द वेस्टइंडीज़ के खिलाफ इस्तेमाल हुआ था और नतीजा सब जानते हैं.’
  • चेतेश्वर पुजारा बोले कि ऐसे कमेंट टीम को उकसाने का काम तो करते हैं, लेकिन ड्रेसिंग रूम में इनकी चुभन महसूस होगी.
  • आकाश चोपड़ा ने इतिहास की सीधी याद दिलाते हुए कहा,
    ‘जब आखिरी बार यह शब्द बोला गया था, उसके बाद क्या हुआ, सभी को याद रखना चाहिए’.

    कॉनराड की बात ने लोगों को इसलिए चौंकाया, क्योंकि यह सिर्फ शब्दों के ऐतिहासिक मायने तक सीमित नहीं था. इसे एक ऐसे साउथ अफ्रीकी कोच ने कहा है, जिसकी टीम का भेदभाव के खिलाफ लड़ने का इतिहास है. अब देखना यह है कि क्रिकेट साउथ अफ्रीका इसे भीतर ही सुलझाता है या नहीं, लेकिन इस टिप्पणी ने एक ऐसी सीरीज में अनचाहा तनाव जरूर पैदा कर दिया है, जो अब तक विवादों से लगभग दूर थी.

    कॉनराड से पूछा गया था‌ कि उन्होंने पारी घोषित करने में देरी क्यों की और क्या इसका असर मैच के नतीजे पर पड़ सकता है? उन्होंने कहा कि टीम नई गेंद का सही इस्तेमाल चाहती थी, ताकि अगली सुबह उन्हें हार्ड और नई गेंद मिल सके. अपनी रणनीति समझाते हुए उन्होंने बताया कि शाम के समय पिच पर पड़ने वाली परछाइयों से तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, इसलिए वे जल्दी घोषणा नहीं करना चाहते थे और उस मौके को गंवाना नहीं चाहते थे.

    साउथ अफ्रीका 2000 के बाद से भारत में कोई सीरीज नहीं जीत पाया है. पिछले हफ़्ते कोलकाता में 2010 के बाद पहली बार कोई टेस्ट मैच जीतने के बाद अब गुवाहाटी में भी उसका दबदबा दिख रहा है.

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