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Jaishankar: पहली बार विदेश मंत्री के तौर पर लैटिन अमेरिका पहुंचे जयशंकर, कहा- लैटिन अमेरिका के साथ अपना व्यापार बढ़ाना चाहता है भारत

BY: Divyanshi Singh • LAST UPDATED : April 28, 2023, 4:37 pm IST
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Jaishankar: पहली बार विदेश मंत्री के तौर पर लैटिन अमेरिका पहुंचे जयशंकर, कहा- लैटिन अमेरिका के साथ अपना व्यापार बढ़ाना चाहता है भारत

इंडिया न्यूज़:  भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (27 अप्रैल)  को कहा कि भारत लैटिन अमेरिका के साथ अपना व्यापार बढ़ाना चाहता है जो 50 अरब डॉलर के करीब पहुंच रहा है। साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि खनन, ऊर्जा, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश में अच्छी खासी ग्रोथ से इसे और बढ़ावा मिलेगा

अमेरिका में भारत की बढ़ती उपस्थिति को उजागर करना है हमारा उद्देश्य

राजधानी बोगोटा में भारत-कोलंबिया बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लैटिन अमेरिका के चार देशों की उनकी यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र के साथ भारत के सहयोग के स्तर को और अच्छा करना है। उन्होंने कहा कि आज यहां आने का हमारा उद्देश्य लैटिन अमेरिका में भारत की बढ़ती उपस्थिति को उजागर करना है। हमारे बीच व्यापार सालाना 50 अरब डालर तक पहुंच रहा है। हमारी कंपनियां ऊर्जा, खनन से लेकर कृषि व ऑटो क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं।

 

अमेरिका में परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं भारतीय कंपनियां

विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियां लैटिन अमेरिका में परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं, जिसमें बुनियादी ढांचा, बिजली पारेषण और खनन शामिल हैं। साथ ही शिपिंग और विमानन क्षेत्र में भी उत्पाद वितरित कर रहे हैं। उन्होने आगे  कहा कि हमारा व्यापार का संबंध है। हम स्वाभाविक रूप से इसका विस्तार करना चाहते हैं। हमारे सामने चुनौती यह है कि कब, कहां और कितना निवेश करना है। वहीं फार्मास्युटिकल उद्योग भी चुनौती से घिरा हुआ है।
कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने स्थापित किया कि यह दुनिया की फार्मेसी है

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भारत ने लगभग 100 देशों को टीके और 150 देशों सहित विकसित देशों को दवाओं की आपूर्ति करके सही मायने में स्थापित किया कि यह दुनिया की फार्मेसी है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि कोविड-19 ने हम सभी को स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक बनाया है, लेकिन आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों के बारे में भी जागरूक किया है। लागत भी एक प्रासंगिक कारक है। यदि हम अधिक स्रोतों, क्षेत्रीय उत्पादन और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण को देख रहे हैं, तो मैं कोलम्बियाई दोस्तों  को सुझाव दूंगा कि भारतीय उद्योग आपका स्वाभाविक भागीदार है।

विदेश मंत्री के रूप में इन देशों में जयशंकर की यह पहली यात्रा 

भारत और कोलंबिया के बीच जुड़ते संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि भारत में एक पारंपरिक चिकित्सा और कल्याण अभ्यास भी है, जिसके मजबूत व्यावसायिक प्रभाव हो सकते हैं। बता दे कि विदेश मंत्री  गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिकन गणराज्य की नौ दिवसीय यात्रा पर हैं। विदेश मंत्री के रूप में इन लैटिन अमेरिकी देशों और कैरेबियाई देशों की उनकी पहली यात्रा है।

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