संबंधित खबरें
IND vs AUS 1st Test: शर्मनाक! भारतीय टीम की फिसड्डी बल्लेबाजी, कंगारुओं के सामने 150 पर टेके घुटने, इन धुरंधरो की खली कमी
IPL 2025: सामने आई डेट, इस दिन शुरू होगा क्रिकेट का त्योहार, जानिए अगले तीन साल का शेड्यूल!
IND vs AUS 1st Test: भारतीय टीम ने जीता टॉस, कंगारूओं के सामने पहले बैटिंग का फैसला, जानिए दोनों टीमों का प्लेइंग 11
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजीत चंदिला ने की भविष्यवाणी, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की 3-1 से होगी जीत
T20 मैच में पाकिस्तानी फैन ने दिखाया इमरान खान का पोस्टर, मिली ऐसी सजा, सुनकर खौल जाएगा पड़ोसी देश का खून
महिला हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 पर भारत ने जमाया कब्जा, चीन को किया परास्त, स्टार खिलाड़ी दीपिका ने टूर्नामेंट में किए 11 गोल
India News (इंडिया न्यूज़), गुरप्रीत सिंह संधू आज भारतीय फुटबॉल के बड़े स्टार बन गए हैं। उनके बिना भारत के सैफ चैम्पियनशिप जीतने की उम्मीद नहीं की जा सकती थी। कभी खेल के दौरान शानदार बचाव तो कभी पेनाल्टी शूट आउट में अच्छा पूर्वानुमान और शानदार डाइव। सच तो यह है कि बैंगलुरु एफसी के दो स्टार खिलाड़ियों – सुनील छेत्री और संधू ने वह कर दिखाया, जिससे भविष्य की उम्मीद जगती है। ज़ाहिर है कि अब भारत का अगला लक्ष्य अपनी विश्व रैंकिंग को कम से कम 90 तक पहुंचाना है।
संधू ने सेमीफाइनल में लेबनान के खिलाफ और फिर फाइनल में कुवैत के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट में हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए भारत को चैम्पियन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। गुरूप्रीत सिंह ने विपक्षी खेमे के आक्रमण के सामने एक दीवार बन कर खड़े रहे। पेनाल्टी शूटआउट में संधू द्वारा किया बचाव उनकी 24वीं क्लीन शीट थी, जोकि किसी भी भारतीय गोलकीपर के लिए रिकार्ड है। हाल फिलहाल की भारतीय फुटबाल की चुनिंदा उपलब्धियों को देखे तो उसमें गुरूप्रीत सिंह संधू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत ने 2018 में चीन को गोलरहित रोका था, जिसमें संधू ने चाईनीज स्ट्राइकरों को भारतीय गोलपोस्ट को भेदने नहीं दिया और उसी साल उन्होंने ओमान को भी अपने खिलाफ कोई गोल नहीं होने दिया। इसी तरह कतर जैसी आला दर्जे की टीम भी संधू की शानदार गोलकीपिंग क्षमता की वजह से भारत को हरा नहीं पाई। इन तीनों टीमों की वर्ल्ड रैंकिंग भारत से कहीं ऊपर थी।
संधू का जन्न 3 फरवरी 1992 को पंजाब के मोहाली में हुआ था। उन्होंने मात्र 9 साल की उम्र से फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। 2006 में हलद्वानी में युवा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पहली बार भाग लिया। वह 2009 तक सेंट स्टीफन अकादमी में रहे। शुरुआती दौर में पेशेवर स्तर पर वह ईस्ट बंगाल से खेले और बाद में बैंगलुरु एफसी से खेले। ईस्ट बंगाल में उन्होंने अपनी प्रतिभा के झंडे गाढ़ दिए। वह 2010 पहली बार एएफसी अंडर-19 चैम्पियनशिप क्वालीफायर में ईरान के खिलाफ खेले।
सीनियर स्तर पर वह पहली बार 2011 में तुर्कमेनिस्तान के खिलाफ खेले। भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने में उनके प्रयासों को कुछ साल लग गए। 2015 से वह भारत की पहली पसंद के गोलकीपर बन गए और उन्होंने उस स्थान को बरकरार रखा। गुरप्रीत 12 साल से भारतीय सेटअप में हैं। समय के साथ उनका महत्व और भी बढ़ गया है। उन्होंने चार सैफ चैंपियनशिप (2011, 2015, 2021 और 2023) के खिताब भारत को दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। दो इंटर-कांटिनेंटल कप खिताब (2019 और 2023) भारत को जिताने में उनका बड़ा हाथ रहा। भारत की 2019 एशियाई कप क्वालीफिकेशन में भी उन्होंने अपने खेल से सबका दिल जीत लिया।
यह भी पढ़ें-IND vs KUW Final: सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में भारत ने कुवैत को दी मात, नौवीं बार खिताब को किया अपने नाम
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.