GOAT tour India: ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) ने लियोनेल मेस्सी के हालिया भारत दौरे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस शो ने उन्हें ‘खामोश उदासी’ महसूस करवाई और यह सोचने पर मजबूर किया कि देश असल में खेलों में किस चीज़ को महत्व दे रहा है.
सोमवार को X पर एक लंबी पोस्ट में, बिंद्रा ने स्पष्ट किया कि उनकी बातें मेस्सी की आलोचना नहीं थीं. उन्होंने मेस्सी को ‘उन दुर्लभ एथलीटों में से एक’ बताया जिनकी कहानी सिर्फ खेल तक ही सीमित नहीं है. इसके बजाय, पूर्व शूटर ने अर्जेंटीना के सुपरस्टार के दौरे के दौरान उठी हलचल को भारत की खेल संस्कृति पर सोचने का एक अवसर माना.
मेस्सी की प्रेरक यात्रा और बिंद्रा का गहरा सम्मान
बिंद्रा ने लिखा, ‘शारीरिक चुनौतियों से जूझते एक बच्चे से लेकर एक ऐसे फुटबॉलर बनने तक का लियोनेल मेस्सी का सफर, जिसने एक्सीलेंस को फिर से परिभाषित किया, उसने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है,’ उन्होंने आगे कहा कि वह वर्ल्ड कप विजेता के दृढ़ता, विनम्रता और महानता की खोज के लिए गहरे सम्मान रखते हैं.
मेस्सी के तीन दिवसीय, चार शहरों के दौरे ने फैंस में भारी दिलचस्पी जगाई, लेकिन अव्यवस्था के दृश्य भी देखने को मिले, क्योंकि राजनेता, मशहूर हस्तियां, उद्योगपति और अधिकारी फुटबॉल आइकन के साथ तस्वीरें खिंचवाने और उनसे थोड़ी देर मिलने के लिए होड़ कर रहे थे. कोलकाता में, जिन फैंस ने टिकट के लिए भारी कीमत चुकाई थी, लेकिन मेस्सी की एक साफ झलक भी नहीं देख पाए, उनमें निराशा कथित तौर पर हिंसक प्रतिक्रियाओं में बदल गई.
बिंद्रा ने जताई बेचैनी
बिंद्रा ने कहा कि दौरे के कुछ हिस्सों ने उन्हें ठहरकर सोचने पर मजबूर किया – न कि किसी आलोचना के लिए, बल्कि इस असली चिंता के चलते कि ऐसी घटनाएं क्या संदेश देती हैं. आधुनिक खेल की व्यावसायिकता और वैश्विक सितारों के आकर्षण को स्वीकार करते हुए, उन्होंने इस तरह के क्षणिक आयोजनों पर खर्च हो रहे संसाधनों के पैमाने पर बेचैनी जताई.
उन्होंने कहा कि अगर उस ऊर्जा और निवेश का एक छोटा सा हिस्सा भी सही दिशा में लगाया जाता, तो भारत में खेल की नींव मजबूत हो सकती थी. उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी सुविधाएं जहां बच्चे खुलकर खेल सकें, अच्छी कोचिंग तक पहुंच और अच्छी तरह से संरचित जमीनी स्तर के कार्यक्रम ही वास्तव में एक खेल राष्ट्र का निर्माण करते हैं.
खेल संस्कृति पर सवाल: तमाशे या वास्तविक विकास?
पूर्व ओलंपिक चैंपियन ने सवाल किया कि क्या भारत खेल की संस्कृति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है या सिर्फ दूर से महानता का जश्न मना रहा है. उन्होंने कहा कि महान खेल नेशनल सिस्टम, धैर्य और युवा टैलेंट में लगातार विश्वास के माध्यम से बनते हैं, न कि तमाशे के अलग-अलग पलों से.
बिंद्रा ने इस बात पर जोर दिया कि मेस्सी जैसे सितारे लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं और उनकी प्रेरणा की अपनी अहमियत है, लेकिन इसे दीर्घकालीन इरादों और प्रतिबद्धता से जोड़ना जरूरी है. उनके नजरिए में, असली सम्मान तब है जब खेल के दिग्गज जमीनी स्तर पर अवसर पैदा करें और सुनिश्चित करें कि आने वाली पीढ़ियों को अपने खेल सपनों को पूरा करने के लिए सही जगह, समर्थन और विश्वास मिले.
अभिनव बिंद्रा ने शेयर किया पोस्ट
Lionel Messi is one of those rare athletes whose story transcends sport. His journey from a child fighting physical odds to a footballer who redefined excellence has moved millions across the world. As someone who has lived the life of an athlete, I hold profound respect and…
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) December 15, 2025