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खो-खो वर्ल्ड कप ने दुनियाभर के खिलाड़ियों को भारत में एकत्र किया है। इस मौके पर न्यूजीलैंड की ओर से खेलने वाली खिलाड़ी रमनीप कौर मरार और ज्योति रानी ने अपनी रोमांचक यात्रा, भारतीय मेहमाननवाज़ी के अनुभव और इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व व्यक्त किया।
रमनीप ने खो-खो में न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व करने को लेकर अपनी खुशी जाहिर की और कहा,
“यह बेहद रोमांचक है! हमने हैमिल्टन में स्थानीय स्तर पर खो-खो खेलना शुरू किया था। कभी नहीं सोचा था कि यह खेल हमें इतना बड़ा मंच देगा। वर्ल्ड कप में खेलना मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह एक ऐसा अनुभव है, जो केवल एक बार मिलता है। मैं खो-खो को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे यह मौका दिया।”
उन्होंने उद्घाटन समारोह के दौरान का भावुक पल भी साझा किया,
“मेरे माता-पिता लुधियाना में रहते हैं। उन्हें गर्वित देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। जब मैंने उन्हें हाथ हिलाया, उन्होंने मेरी तस्वीरें लीं और वीडियो बनाए। उनकी आंखों में आंसू थे, जो मेरे लिए अनमोल पल था।”
रमनीप एक रजिस्टर्ड नर्स हैं, जो अपने पेशेवर जीवन, मातृत्व और खेल के जुनून को साथ लेकर चलती हैं। उन्होंने कबड्डी, क्रिकेट, जूडो और कराटे जैसे कई खेल खेले हैं, लेकिन खो-खो उनके दिल के सबसे करीब है।
ज्योति रानी, जो भारतीय मूल की हैं, ने हाल ही में खो-खो खेलना शुरू किया है। उन्होंने बताया कि कैसे फिटनेस के प्रति अपने जुनून ने उन्हें इस खेल तक पहुंचाया।
“मैंने अगस्त में जिमिंग शुरू की थी। एक दिन मेरे जिम के एक साथी ने मुझे खो-खो खेलने का न्योता दिया। मुझे यह खेल तुरंत पसंद आ गया और मैंने खेलना जारी रखा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व करूंगी, लेकिन आज मैं यहां हूं।”
दोनों खिलाड़ियों ने भारतीय स्वागत और मेहमाननवाज़ी की सराहना की।
“यहां का स्वागत अद्भुत है। हमें जो ऊर्जा और जोश मिला है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है,” ज्योति ने कहा।
“मैं 2010 से न्यूजीलैंड में हूं, लेकिन यह अनुभव बिल्कुल अलग और यादगार है।”
रमनीप ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं और उम्मीद जताई कि खो-खो भी क्रिकेट की तरह वैश्विक स्तर पर पहचान बनाएगा। खो-खो वर्ल्ड कप के इस सफर में रमनीप और ज्योति जैसी खिलाड़ियों की कहानियां खेल की सीमाओं को पार करने और एकता व प्रतिस्पर्धा के जश्न को बढ़ावा देने की प्रेरणा देती हैं।
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