मनोज जोशी:
पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट इन दिनों सही ट्रैक पर है। शीर्ष क्रम उसकी शुरू से ताक़त रहा है और अब मध्यक्रम ने भी रंग दिखाना शुरू कर दिया है। ज़रूरत है वर्कलोड मैनेजमेंट पर काम करने की, जहां पाकिस्तान सिर्फ और सिर्फ जीत पर ध्यान लगाए हुए है।
इमाम-उल-हक़ पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट की एक ऐसी सनसनी साबित हो रहे हैं जिनके बारे में कुछ समय पहले तक सवाल उठ रहे थे लेकिन इस खिलाड़ी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करके सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। आलम यह है कि यह खिलाड़ी पिछले सात मैचों में पांच हाफ सेंचुरी और दो सेंचुरी लगा चुका है और
उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज़ के पुरस्कार से नवाज़ा गया है। इस खिलाड़ी के पास विविधतापूर्ण शॉट्स हैं जिनका इस्तेमाल वह मौके पर करते है। पिछले मैचों में जहां यह खिलाड़ी स्कवेयर खेलता हुआ दिखाई दिया था, वहीं तीसरे और आखिरी वनडे में इस खिलाड़ी ने कई कवर ड्राइव लगाए और
गेंदबाज़ के ऊपर से शॉट भी खेले। कोशिश इस खिलाड़ी की सामने खेलने की थी जो उनके लिए कारगर साबित हुई। पाकिस्तान क्रिकेट के लिए यह अच्छा संकेत है कि टीम बाबर आज़म के जल्दी आउट होने पर भी जीत रही है।
वनडे क्रिकेट में मजबूत नहीं है वेस्टइंडीज़
हालांकि एक सच यह भी है कि वेस्टइंडीज़ की टीम पर टी-20 क्रिकेट इस कदर हावी है कि उससे वनडे क्रिकेट में 50 ओवर भी नहीं खेले जा रहे। यही वजह है कि आखिरी दो मैचों में यह टीम 38 ओवर भी नहीं खेल पाई। दूसरे, शादाब खान इंजरी से लौट आए हैं।
उन्होंने करियर बेस्ट पारी खेलते हुए 86 रन की पारी खेली। मिडविकेट और एक्स्ट्रा कवर ऐसी पोज़ीशन थीं जहां उन्होंने जमकर स्ट्रोक खेले। इतना ही नहीं, उन्होंने गेंदबाज़ी में गति परिवर्तन और उछाल को तवज्जो देते हुए वेस्टइंडीज़ के चार विकेट झटक लिए।
केसी कार्टी अगेंस्ट द स्पिन खेलने गए और चूक गए जबकि रोवमैन पावेल को उन्होंने उछाल से और हेडन वाल्थ को गति में बदलाव से पविलियन भेजा। वेस्टइंडीज़ की पारी में सबसे ज़्यादा 60 रन की पारी खेलने वाले अकील हुसैन तो उनकी गेंद की पिच पर ही नहीं पहुंच पाए।
अब वक्त आ गया है जब पाकिस्तान को खासकर बाबर, रिज़वान और इमाम को बारी-बारी से अगले मैचों में आराम कराना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान को अगर टी-20 वर्ल्ड कप में खिताब जीतना है तो उसके शीर्ष क्रम की बड़ी भूमिका हो सकती है।