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इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली: विराट कोहली के बचपन के कोच और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma) का कहना है कि पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से हारने के बाद भारतीय टीम से एशिया कप में जिस प्रदर्शन की उम्मीद की गई थी। खिलाड़ियों ने उसी तरह का प्रदर्शन करके टीम को जीत दिलाई।
भारत की इस जीत में हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा और भुवनेश्वर कुमार की अहम भूमिका रही लेकिन यहां तारीफ पाकिस्तान के गेंदबाजों की भी करनी होगी। जिस तरह इस टीम के गेंदबाजों ने 148 रनों के छोटे से लक्ष्य के साथ भी भारतीय बल्लेबाजों को पूरी चुनौती दी, वह वास्तव में काबिलेतारीफ है। हालांकि हार्दिक जिस लय में हैं।
उनके सामने पाकिस्तान की यह अच्छी गेंदबाजी भी फीकी नज़र आई। जिस तरह उन्होंने लांग ऑन के ऊपर से सिक्स लगाकर मैच खत्म किया। उससे इस खिलाड़ी का आत्मविश्वास साफ जाहिर होता है। पिछले कुछ समय में हार्दिक ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में सुधार किया है और
यह हमें पहले आईपीएल में और अब पाकिस्तान के खिलाफ देखने को मिला। जहां हार्दिक ने पहले गेंदबाजी में फिर बल्लेबाजी में अपना शानदार प्रदर्शन किया। हार्दिक के इस प्रदर्शन के बाद यह तो तय है कि इस एशिया कप में और आने वाले समय में वह टीम इंडिया के ट्रंप कार्ड साबित होंगे।
राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma) ने आगे कहा कि रवींद्र जडेजा भी बतौर ऑलराउंडर दोनों विभागों में सफल रहे। खासकर उन्होंने शानदार बल्लेबाज़ी करके टॉप ऑर्डर की ढहती स्थिति को सम्भाल लिया और हार्दिक पांड्या के साथ 5वें विकेट के लिए एक अच्छी भागीदारी को अंजाम दिया।
इन दोनों के अलावा भुवनेश्वर कुमार के योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता। जिन्होंने अपने अनुभव का बखूबी फायदा उठाया और पाकिस्तान की बल्लेबाजी को पूरी तरह बैकफुट पर धकेल दिया। उनसे एशिया कप की शुरुआत से पहले जिस प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी,
वही उन्होंने कर दिखाया और अपने अनुभव का अच्छा इस्तेमाल करते हुए कुल 4 विकेट झटके। जिसमें बाबर आज़म का बड़ा विकेट शामिल था। इसके अलावा आवेश खान और अर्शदीप सिंह के रूप में दोनों युवा गेंदबाज़ों ने भी गेंदबाजी में पाकिस्तानी बल्लेबाजों को परेशान किया।
जहां पाकिस्तान को इस मैच में 160 से 170 रन बनाने चाहिए थे। वह खासकर मिडिल ऑर्डर की वजह से नहीं बना पाया। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि टीम सवा सौ रनों में ढेर हो जाएगी। लेकिन उसके पुछल्ला बल्लेबाज़ों ने तेज़ी से रन बनाते हुए टीम को सम्मानजनक स्कोर तक ले गए।
वहीं भारतीय गेंदबाज़ों ने भी अंतिम 5 ओवरों में सटीक गेंदबाजी की। इस जीत से भारतीय टीम का आत्मविश्वास साफ तौर पर दिखाई देता है और इस तरह का प्रदर्शन खासकर टी-20 वर्ल्ड कप को देखते हुए काफी आत्मविश्वास बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
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