इस बार रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट में पहुंचने वाली आठ टीमों में बंगाल अकेली ऐसी टीम है जिसने अपने तीनों मैच जीते हैं। बंगाल की ओर से इस बार मोहम्मद शमी नहीं खेल पाए और न ही रिद्धिमान साहा। साहा इसलिए नहीं खेल पाए क्योंकि उनके संबंध बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन से काफी खराब हो गये थे।
वहीं झारखंड की टीम 2016-17 के बाद पहली बार नॉकआउट में खेल रही है। सौरभ तिवारी, विराट सिंह और कुमार कुशाग्र के रूप में झारखंड के पास मजबूत बल्लेबाजी क्रम है। उसे अपने दो बाएं हाथ के स्पिनरों – शाहबाज नदीम और
अनुकुल रॉय से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि पहले दिन उसके बल्लेबाज़ों ने काफी प्रभावित किया और दिन भर में सिर्फ एक विकेट गंवाया।
वहीं मुम्बई टीम को कभी भारतीय क्रिकेट की नर्सरी कहा जाता था लेकिन पिछले वर्षों में इस टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर निराश ही किया है। पहले दिन हालांकि उसके बल्लेबाज़ों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उसके स्टार बल्लेबाज़ों ने उसे डुबोने का ही काम किया। उत्तराखंड के कप्तान जय बिष्ट कभी मुंबई की ओर से अंडर 16 और अंडर 19 में खेला करते थे। अब वह इसी टीम
के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं।
कर्नाटक के लिए इस बार प्रसिद्ध कृष्णा उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि वह राष्ट्रीय टीम की ओर से चुने गये हैं। इसी तरह देवदत्त पड्डिकल 15 खिलाड़ियों की टीम में चुने गये थे लेकिन वह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाये।
कर्नाटक के हालांकि बल्लेबाज़ी में पहले दिन हाल बेहाल रहे लेकिन अब उसका सारा दारोमदार अनुभवी तेज़ गेंदबाज रोनित मोरे पर होगा, जिन्होंने 97 विकेट लिए हैं। छह पारियों में 300 रन बनाकर रिंकू सिंह इस सीज़न में यूपी के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनकर उभरे हैं और साथ ही प्रियम गर्ग बल्लेबाजी को मजबूती देंगे। कुलदीप यादव भी राष्ट्रीय टीम में होने के कारण यह मैच नहीं खेल पाये।
पंजाब और मध्यप्रदेश मैच में हर कोई वेंकटेश अय्यर, आवेश खान और कुलदीप सेन का इंतज़ार कर रहा था। इनमें वेंकटेश और आवेश खान साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में भारतीय टीम की ओर से चुने गये हैं जबकि आईपीएल
में चमके कुलदीप सेन को मध्य प्रदेश के 15 खिलाड़ियों में चुने जाने के बावजूद प्लेइंग इलेवन नहीं मिली। फैंस के लिए राहत की बात यह थी कि हाल में आईपीएल में पदार्पण करने वाले बाएं हाथ के स्पिनर कुमार कार्तिकेय
सिंह को इस टीम में शामिल किया गया। वहीं पंजाब को फॉर्म में चल रहे तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की कमी खल रही है क्योंकि वह भी राष्ट्रीय टीम में चुने गये हैं।
कैप्शन – बंगाल की ओर से पहले से सेंचुरी बनाने वाले सुदीप घरामी और 85 रन बनाने वाले अनुस्तूप मजूमदार।
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