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मनोज जोशी, (Team India Selection Committee):
क्या आप जानते हैं कि इन समय मुम्बई, सौराष्ट्र, विदर्भ और गुजरात जैसी टीमों का राष्ट्रीय सेलेक्शन कमिटी मीटिंग में कोई भी रहनुमा नहीं है। हाल में इन टीमों से जिसने भी शानदार प्रदर्शन किया है। उसकी टीम इंडिया (Team India) के लिए पैरवी करने वाला कोई भी सेलेक्टर पिछले पांच महीने से नहीं है।
इसी वजह से श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज़, आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ चुनी टीम इंडिया में पश्चिम क्षेत्र से कोई भी सेलेक्टर राष्ट्रीय चयन समिति में नहीं था। अब वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे की टीम के लिए भी इस क्षेत्र से कोई सेलक्टर नहीं था और न ही इस दौरे के लिए टी-20 के लिए टीम चुने जाने में भी इस क्षेत्र से किसी की भी भागीदारी नहीं होगी।
दरअसल बीसीसीआई का एक नियम यह है कि कोई भी अधिकारी किसी भी कमिटी में 5 साल से अधिक नहीं रह सकता। पश्चिम क्षेत्र के सेलेक्टर एबी कुरुविला जूनियर चयन समिति में ही 4 साल रह चुके हैं और सीनियर टीम की कमिटी में इस साल फरवरी में उनका कार्यकाल पूरा हो गया था।
लेकिन बोर्ड ने उनकी जगह किसी की नियुक्ति नहीं की। लेकिन अब खबर यह है कि बीसीसीआई जल्द ही इस रिक्त स्थान की भरपाई करेगी जिससे कम से कम पश्चिम क्षेत्र के खिलाड़ियों की सुध लेने वाले प्रतिनिधि का चयन किया जा सके।
आपको याद होगा कि मुम्बई की टीम इस साल रणजी ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंची और सरफराज खान और शम्स मुलानी ने इस साल शानदार प्रदर्शन किया लेकिन नैशनल टीम में इनकी पैरवी करने के लिए कोई सेलक्टर नहीं था। इस समय चेतन शर्मा राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष हैं, जो उत्तर क्षेत्र से आते हैं।
जबकि सुनील जोशी दक्षिण से, देबाशीष मोहंती पूर्व से और हरविंदर सिंह मध्य क्षेत्र से आते हैं। इनमें हरविंदर, मोहंती और चेतन शर्मा तेज़ गेंदबाज़ थे जबकि सुनील जोशी बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़। कुरुविला भी तेज़ गेंदबाज़ थे जिन्हें अब उन्हें बोर्ड का जनरल मैनेजर (क्रिकेट विकास) बना दिया गया है।
यहां यह भी गौरतलब है कि जिन चयनकर्ताओं को बोर्ड की सलाहकार कमिटी चुनती है। उसमें भी सदस्य पूरे नहीं है। पूर्व तेज़ गेंदबाज़ मदनलाल इस कमिटी के सदस्य रहे हैं लेकिन 70 की उम्र पार करने पर वह इस कमिटी के अब सदस्य नहीं रहे।
बीसीसीआई ने 70 पार के किसी भी सदस्य को किसी भी कमिटी में न रखने का फैसला काफी पहले कर लिया था। अब इस कमिटी में सलक्षणा नाइक और आरपी सिंह हैं। अब देखना है कि बोर्ड पहले सलाहकार कमिटी के सदस्य की नियुक्ति करता है या पश्चिम क्षेत्र के सेलेक्टर को चुनने की ज़िम्मेदारी आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक को सौंपता है।
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