श्रेय आर्य: इस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) के खराब फार्म के लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। क्रिकेट के तीनों ही फार्मेट में उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। कभी शतक पर शतक ठोकने वाला ये बल्लेबाज पिछले 3 साल से एक भी शतकीय पारी नहीं खेल पाया है।
नवंबर 2019 के बाद से तो इस बल्लेबाज के बल्ले से महज 117 के स्ट्राइक रेट से रन निकल रहे हैं और इन्ही सब बातों को लेकर उनकी काफ़ी आलोचना भी हो रही है। अब वैसे तो हर खिलाड़ी के करियर में एक ऐसा दौर आता ही है, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं उन दिग्गजों के बारे में जिनको खराब फार्म की वजह से अपने करियर को समय से पहले ही ख़त्म करना पड़ा।
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है क्रिकेट इतिहास के विस्फोटक ओपनर में भारतीय दिग्गज वीरेंद्र सहवाग का। इस मामले में इनका नाम कई धुरंधरों से आगे रखा जाता है। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट को बदलकर रख देने वाले इस खिलाड़ी ने शुरुआती दिनों में जमकर रन बनाए।
भारत की तरफ से ट्रिपल सेंचुरी बनाने की उपलब्धि भी इसी खिलाड़ी को सबसे पहले हासिल हुई। लेकिन खराब फार्म ने सहवाग को बुरी तरह से जकड़ा और आखिरकार उनको संन्यास लेना पड़ा। साल 2011 में वनडे में दोहरा शतक बनाने के बाद से वीरू का करियर ढलान की तरफ जाने लगा।
2012-13 में उनके बल्ले से रन नहीं निकले और अंत की आहट मिलने लगी। 2010 में टेस्ट में उनके बल्ले से शतकीय पारी निकली थी जिसके बाद 40 पारियों में वह सिर्फ एक बार शतक बनाने में कामयाब हुए। टीम से बाहर रहते हुए उन्होंने 2015 में आखिरकार संन्सास लेने का कदम उठाया।
सहवाग के बाद इस लिस्ट में नाम आता है, टेस्ट क्रिकेट में द वाल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ का। द्रविड़ को विश्व क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में गिना जाता है। द्रविड़ ने 164 टेस्ट खेलने के बाद 36 शतक के दम पर इस बल्लेबाज ने 13288 रन बनाए। लेकिन आखिरी के कुछ मुकाबलों में खराब फार्म ने उनके करियर को खत्म कर दिया।
आस्ट्रेलिया के 2012 दौरे पर रन बनाने में नाकाम रहने के बाद अचानक से द्रविड़ ने संन्यास की घोषणा कर सबको चौंकाया था। अपनी आखिरी 10 टेस्ट पारियों में बड़ा स्कोर ना कर पाने और आउट होने के तरीके की वजह से उन्होंने यह फैसला लिया था।
सहवाग और द्रविड़ के बाद इस फेहरिस्त में शामिल हैं, वेरी वेरी स्पेशल के नाम के जाने जाने वाले वीवीएस लक्ष्मण। लक्षमण को भी खराब फार्म की वजह से ही अपने करियर का अंत करना पड़ा था। कोलकाता टेस्ट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की ऐतिहासिक पारी खेलने वाले इस बल्लेबाज ने घर पर वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के दौरे पर रन बनाने में नाकाम रहने के बाद, अचानक से ही संन्यास की घोषणा कर दी थी।
2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में 176 रन की नाबाद पारी खेलने के बाद उन्होंने लय खोई और आस्ट्रेलिया दौरा इनके लिए खिलाड़ी के तौर पर आखिरी दौरा साबित हुआ। अपने घर हैदराबाद पर उनके पास खेलते हुए संन्यास लेने का मौका था। लेकिन खराब फार्म को ज्यादा ना खींचते हुए वीवीएस ने क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला लिया।
अंत मे एक नाम उस खिलाड़ी का जिसने अपने वक्त में सभी को हैरान कर दिया था। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों की लिस्ट में जगह बनाने वाले मुंबई के बल्लेबाज दिपिल वेंगसारकर को भी खराब फार्म की वजह से करियर का अंत करना पड़ा था।
1980 के दशक में दुनियाभर में डंका बजाने वाले यह बल्लेबाज, 1988 से 1992 के बीच बेहद खराब दौर से गुजर रहे थे। 18 टेस्ट मैच खेलने के बाद भी वह एक शतक तक लगाने में कामयाब नहीं हो पाए। 42 की औसत का करियर रखने वाले वेंगसारकर ने इस दौरान 22 की औसत से रन बनाए।
1991-92 में आस्ट्रेलिया के दौरे पर 5 टेस्ट में उनके रन का औसत 17 रहा था और यही करियर का आखिरी दौरा भी साबित हुआ। अब फ़िलहाल के लिए तो विराट कोहली (Virat Kohli) के सामने ऐसे कोई समस्या नही है कि उन्हें करियर खत्म करना पड़े।
विराट कोहली (Virat Kohli) के साथ इस तरह का बुरा दौर पहले भी आया है और विराट कोहली (Virat Kohli) को पता है कि इससे बाहर कैसे आना है। अब सबको इंतेज़ार है तो सिर्फ उस समय का जब एक बार फिर से उनका बल्ला रन बनाएगा।
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