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India News (इंडिया न्यूज़), Wrestlers protest: बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के मुद्दें पर चर्चा करने का नेवता दिया है। ऐसे में इस मुलाकात के लिए पहलवान राजी हो गए हैं । हलांकि उन्होंने ये साफ कर दिया है कि वो किसी ऐसे बात पर राजी नहीं होंगे जो उन्हें ठीक नहीं लगेगा। ANI से बात करते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम मानेंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाए जाने पर ANI से टेलीफोनिक साक्षात्कार के दौरान पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, ” हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे। जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम मानेंगे। ऐसा नहीं होगा कि हम सरकार की किसी भी बात को मान लें और अपना धरना समाप्त कर दें। बैठक के लिए अभी तक कोई समय तय नहीं किया गया है।”
हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे। जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम मानेंगे। ऐसा नहीं होगा कि हम सरकार की किसी भी बात को मान लें और अपना धरना समाप्त कर दें। बैठक के लिए अभी तक कोई समय तय नहीं किया गया है: केंद्रीय… pic.twitter.com/roKFhRdoxh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 7, 2023
अनुराग ठाकुर ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों को चर्चा के लिया किया आमंत्रित किया है । बता दें अनुराग ठाकुर ने इस बात की जानकारी ट्वीट कर के दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है। मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।”
The government is willing to have a discussion with the wrestlers on their issues.
I have once again invited the wrestlers for the same.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 6, 2023
बता दें कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इस आंदोलन की शुरूआत पहलवानों ने जनवरी में की थी। पहलवानों के द्वरा बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए। ऐसे में खेल मंत्रालक के दखल के बाद चंद दिनों में ये धरना खत्म हो गया था। खेल मंत्रालय ने पहलवानों की मांग पर मैरिकॉम के नेतृत्व में 7 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई। बृजभूषण को संघ के कामकाज से दूर किया गया।
2. दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान
23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे। इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी। पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था। पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था। इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे। ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी। इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था
3.मेडल बहाने का ऐलान
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए मेडल बहाने का ऐलान किया था। पहलवान हरिद्वार मेडल बहाने भी पहुंचे थे। लेकिन तब किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल बहाने से रोक दिया था। इसके साथ ही किसान यूनियन ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था। यह सोमवार को खत्म हो गया। अब राकेश टिकैत ने कहा है कि पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे।
टाइम लाइन के जरिए जानें कब क्या हुआ ?
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे। पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। बृजभूषण सिंह ने आरोपों से इनकार किया।
पहलवानों ने खेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। यह बैठक 5 घंटे तक चली।
पहलवानों की मांग पर मैरिकॉम के नेतृत्व में 7 सदस्यों की जांच कमेटी बनी। बृजभूषण को संघ के कामकाज से दूर किया गया।
खिलाड़ियों ने धरना खत्म किया। 23 फरवरी: कमेटी ने जांच रिपोर्ट के लिए अतिरिक्त समय मांगा।
ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपे जाने के बाद WFI ने घोषणा की कि चुनाव 7 मई को होंगे।
पहलवान फिर धरने पर बैठे।
पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ FIR का आदेश देने की मांग की। पहलवानों ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ 2 केस दर्ज किए। पहला केस 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर हुआ, जबकि दूसरा केस नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की याचिका बंद की और अन्य किसी मामले में निचली अदालत जाने की सलाह दी। 7 मई: किसान नेता राकेश टिकैत पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे।
पहलवानों ने कैंडल मार्च निकाला इसमें खाप नेता भी शामिल हुए।
पहलवानों ने जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने का ऐलान किया। पुलिस ने अनुमति नहीं दी। जमकर हंगामा हुआ और हाथापाई हुई। इसके बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया और जंतर मंतर को खाली करा दिया।
पुलिस ने कहा कि पहलवान चाहें तो और कहीं धरना दे सकते हैं, लेकिन जंतर मंतर पर धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया।
पहलवान हरिद्वार में मेडल बहाने पहुंचे। किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोका। 3 जून: पहलवानों ने शनिवार रात को अमित शाह से मुलाकात की।
विनेश, साक्षी और बजरंग नौकरी पर लौटे।
खेल मंत्रालय ने बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा
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