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India News (इंडिया न्यूज), Yuvraj Singh Birthday: 2007 टी20 वर्ल्ड कप… टीम इंडिया चैंपियन बनी और इसमें सबसे बड़ा हाथ था युवराज सिंह का । 2011 वर्ल्ड कप… एक बार फिर युवराज सिंह ने अपना जादू चलाया, और गेंद और बल्ले से जबरदस्त प्रदर्शन कर टीम इंडिया को 28 साल बाद वर्ल्ड कप जिताया। 2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे, भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के करोड़ों फैंस ने उनकी दुआओं में सिर झुकाया, उन्हें सलाम किया, लेकिन इसके ठीक 3 साल बाद ये खिलाड़ी हीरो से विलेन बन गया। लेकिन इसके तीन साल बाद कुछ ऐसा हुआ कि 2 वर्ल्ड कप जिताने वाला खिलाड़ी अचानक हीरो से विलेन बन गया।
युवराज सिंह को सिक्सर किंग के नाम से जाना जाता है। उनके नाम 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उन्होंने 12 गेंदों पर अर्धशतक लगाया है लेकिन 6 अप्रैल 2014 की रात युवराज सिंह ने शायद अपने करियर की सबसे खराब बल्लेबाजी की। यह वो दिन है जब मीरपुर के मैदान पर भारत और श्रीलंका के बीच जंग चल रही थी और टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल दांव पर था। इस मैच में युवराज सिंह कैसे विलेन बन गए और टीम इंडिया ने दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप जीतने का मौका कैसे गंवा दिया? जानिए उनकी कहानी।
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छक्कों और चौकों की झड़ी लगाने वाले युवराज सिंह ने श्रीलंका के खिलाफ खिताबी मुकाबले में 21 गेंदें खेलीं और उनके बल्ले से सिर्फ 11 रन निकले। उनका स्ट्राइक रेट 52.38 रहा जो टी20 फॉर्मेट में बेहद शर्मनाक है। टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज सिंह ने 11वें ओवर में क्रीज पर कदम रखा और आते ही यह खिलाड़ी ढेर हो गया। मीरपुर की धीमी पिच पर युवी के बल्ले पर गेंद नहीं आ रही थी और कुछ ही देर में उन्होंने 9 डॉट बॉल खेल दीं। युवराज की धीमी बल्लेबाजी का नतीजा यह रहा कि टीम इंडिया 20 ओवर में सिर्फ 130 रन ही बना सकी और श्रीलंका के लिए यह लक्ष्य काफी छोटा था। श्रीलंका ने 13 गेंद पहले ही सिर्फ 4 विकेट खोकर टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया।
मीरपुर में जैसे ही टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप हारी, गुस्साए भारतीय प्रशंसकों ने युवराज के घर को घेर लिया। चंडीगढ़ में युवराज सिंह के घर पर भी पत्थर फेंके गए। बड़ी बात यह है कि इस हार की जिम्मेदारी खुद युवराज सिंह ने ली। युवराज सिंह ने इस हार के बाद कहा था कि इसके लिए वह जिम्मेदार हैं। युवराज ने माना कि उस दिन उन्होंने काफी खराब खेला था।
युवराज ने कहा, ‘मैंने एक-दो ओवर में काफी डॉट बॉल खेली। उस दिन मलिंगा काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। यहां तक कि एमएस धोनी और विराट कोहली भी उन्हें अच्छे से नहीं खेल पाए। मैंने खुद माना है कि मैंने खराब खेला, दुर्भाग्य से यह टी20 विश्व कप का फाइनल था। अगर यह कोई और मैच होता, तो इतना फर्क नहीं पड़ता। कई लोगों ने मुझसे बात करना बंद कर दिया। मीडिया मुझ पर एयरपोर्ट पर चिल्ला रहा था। मेरे घर पर पत्थर फेंके गए, यह एक कठिन समय था, मुझे ऐसा महसूस कराया गया जैसे मैं कोई अपराधी हूं और मैंने किसी के सिर में गोली मार दी है। जब मैं उस दिन घर पहुंचा, तो मैं अपने बल्ले को देख रहा था जिससे मैंने 6 छक्के लगाए थे। मैं उस पर अपनी इंडिया कैप भी देख रहा था। उस दिन मुझे लगा कि मेरा करियर खत्म हो गया है।
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